इस हफ्ते भी सीमित दायरे में कारोबार हुआ। बाजार में कुछ मुनाफा भी देखने को मिला। निफ्टी 3.7 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 2,948 अंक पर बंद हुआ।
जबकि सेंसेक्स 3.6 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 9,634 अंक पर बंद हुआ। रुपये के भाव में बहुत कम उतार-चढ़ाव हुआ। एक हफ्ते में डेफ्टी में 3.8 फीसदी की तेजी आई।
एफआईआई और घरेलू संस्थागत निवेशकों ने कम खरीदारी की कारोबार बहुत कम हुआ और गिरने और चढ़ने वाले शेयरों की संख्या बराबर ही रही।
नजरिया:
बाजार अब तक 2,870 अंक से ऊपर ही बना हुआ है। लगता है कि गिरने से पहले बाजार 3,100-3,150 तक पहुंचेगा। वैसे 2,870 अंक पर मजबूती से समर्थन बना रहेगा। अगर यह समर्थन भी टूटा तो बाजार 2,750 अंकों तक गिर सकता है या फिर 2,550 अंक तक।
दलील:
बाजार में अक्टूबर के सबसे निचले 2250 के स्तर के बाद से बाजार में दो दायरे में कारोबार हुआ। निचले दायरे में कारोबार 2,500-2850 अंक तक होता रहा है जबकि ऊंचे दायरे में यह 2,850-3,150 अंक तक रहा है।
हालांकि पिछले हफ्ते बाजार 2,850 अंक से ऊपर ही रहा। ज्यादातर संकेतक तटस्थ या फिर थोड़े झुकाव वाले हैं और इस लिहाज से यह रुझान लगातार बना रहेगा।
दूसरी दलील:
कम कारोबार के साथ ही चढ़ने और उतरने वाले शेयरों का कमजोर अनुपात आमतौर पर बाजार में मंदी का ही संदेश देते हैं। रेंज में होने वाले कारोबार से अंदाज लगा पाना मुश्किल होता है। ऐसे में 2,500 तक यह गिर सकता है। कारोबारियों को 2,750 अंक तक की गिरावट के लिए तैयार रहना होगा।
तेजड़िए और मंदड़िए:
पिछले हफ्ते कुछ शेयरों में तेजी का रुझान देखने को मिला। बैंकों के शेयरों में तेजी से बैंक निफ्टी में 5 फीसदी की बढ़त दिखी और एसबीआई, पीएनबी और सिंडिकेट बैंक के शेयरों में भी उछाल आया। एडयूकॉम्प ने अच्छा प्रदर्शन किया।
ऑटो कंपनियों में एम ऐंड एम और हीरो होंडा के शेयर भी अच्छे बंद हुए। आईडिया और आर कॉम के शेयरों का प्रदर्शन भी बेहतर रहा। एसीसी, भेल, एल ऐंड टी, ल्यूपिन, पीजीसीआईएल, श्री रेणुका और टीवी 18 के शेयर भी बढ़े।
एसीसी
मौजूदा मूल्य: 579 रुपये
लक्ष्य: 600 रुपये
मजबूत कारोबार की वजह से 480 रुपये के स्तर से तेजी से बढ़ा। हालांकि जब स्टॉक 560 रुपये से ऊपर प्रतिरोध के साथ बंद हुआ तब मामूली ब्रेकआउट की स्थिति बन गई। 570 रुपये पर स्टॉप लॉस लगाएं और लॉन्ग जाएं।