सेवानिवृत्ति के बाद नियमित आय के लिए करें निवेश

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 10, 2022 | 1:55 AM IST

मैंने वर्ष 2006 से निवेश करना शुरू किया है। हाल ही में मैंने गिल्ट फंड में निवेश करना शुरू किया है।
आने वाले महीनों के लिहाज से क्या यह सही निर्णय है? साथ ही अपने उद्देश्यों की पूर्ति करने के लिए मुझे क्या करना चाहिए?
सतीश वेणुगोपाल
प्रोफाइल

उम्र: 30 साल
परिवार: पत्नी और 7 साल की बेटी
स्थान: दुबई, संयुक्त अरब अमीरात
म्युचुअल फंड में निवेश

योजना रकम (रुपये में)
आईसीआईसीआई 26,880
लाइफ फ्रंटलाइन 21,000
मैग्नम कॉन्ट्रा 19,320
रिलायंस इक्विटी 16,800
सालाना योगदान  (फीसदी)

म्युचुअल फंड डेट      27
यूलिप                          27
गोल्ड                           23
म्युचुअल फंड 
इक्विटी                     17
पीपीएफ                     06
लक्ष्य

45 वर्ष तक सेवानिवृत्ति
सेवानिवृति तक लिक्विड कैश में 50 लाख तक जमा करना (15 साल)
बेटी की शादी के लिए 10 लाख रुपये की बचत (11 साल)
बेटी की उच्च शिक्षा के लिए 7-8 लाख रुपये तक की बचत (8 साल)
पोर्टफोलियो का करें पुनर्संतुलन
अपने अपने निवेश को सभी श्रेणी की परिसंपत्तियों में डायवर्सिफाइ किया है जो काफी दिलचस्प लगता है। लेकिन चिंता की बात यह है कि आपने इक्विटी में मात्र 1 फीसदी का ही निवेश किया है।
आपको इसमें अपने निवेश को बढाने की आवश्यकता है क्योंकि यह एक ऐसी परिसंपत्ति है जो दीर्घ अवधि में बेहतर प्रतिफल देती है। डेट की तरफ अधिक झुकाव से आपके पोर्टफोलियो में स्थिरता आ सकती है लेकिन मिलने वाले प्रतिफल के लिए आपको कुछ मुश्किल सौदे करने पड़ सकते हैं।
इसके अलावा आपकी परिसंपत्ति के ज्यादातर हिस्से का निवेश गोल्ड और रियल एस्टेट में है। इक्विटी में ज्यादा निवेश के अलावा आपात स्थिति के लिए कुछ निवेश लिक्विड एसेट, जैसे लिक्विड फंड या बैंक की जमा योजनाओं में होना चाहिए।
आपको यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान या यूलिप की जरूरत नहीं है क्योंकि आपकी इक्विटी संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति म्युचुअल फंड में किए गए निवेश से पूरी हो जाएगी जबकि बीमा संबंधी आवश्यकताएं आपकी बीमा पॉलिसियों से पूरी हो जाएगी। यूलिप काफी महंगे होते हैं।
साथ ही इनकेसाथ कुछ अन्य शुल्क भी होते हैं जो आमतौर पर दिखाई नहीं देते हैं, इसलिए यूलिप योजनाओं से दूर रहना ही ठीक है। जैसे ही लॉक-इन अवधि समाप्त होती है, आपको यूलिप में प्रीमियम का भुगतान बंद कर देना चाहिए और जमा प्रीमियम का निवेश म्युचुअल फंड में करना चाहिए।
फंडों में बढ़ाएं निवेश
जब आप विभिन्न परिसंपत्तियों में अपने सालाना निवेश को देखते हैं तो म्युचुअल फंड में यह 44 फीसदी का होता है। दूसरी तरफ 23 फीसदी निवेश सोने में और 27 फीसदी का निवेश यूलिप में है।
इस समय आपको धन जमा करने पर ध्यान देना चाहिए न कि इसकी सुरक्षा पर। इसलिए आप इक्विटी म्युचुअल फंड में अपने निवेश को बढाएं। अगर गिल्ट फंड की बात करें तो गिल्ट फंड के पोर्टफोलियो में भारत सरकार द्वारा जारी किए जाने वाले डेट इंस्ट्रूमेंट होते हैं।
इन इंस्ट्रूमेंट की बाजार में कीमत ब्याज दरों में होने वाले उतार-चढाव पर निर्भर करती है। जैसे ही ब्याज दरों में बढ़ोतरी होती है, वैसे ही इंस्ट्रूमेंट की कीमतों में इजाफा होता है जिससे फंड की शुध्द परिसंपत्ति की कीमत में भी बढ़ोतरी होती है। इस तरह की बातें 2008 के अंतिम हिस्से में हुई।
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में लगातार कटौती करने के कारण गिल्ट फंड पर मिलने वाला प्रतिफल बहुत ही जबरदस्त रहा। हालांकि गिल्ट फंडों के प्रदर्शन में गिरावट आनी शुरू हो गई है और जनवरी 2009 में फंड ने 6.28 फीसदी का प्रतिफल दिया। इनकम फं ड एक बेहतर विकल्प हो सकता है क्योंकि इसकेद्वारा सरकारी प्रतिभूतियों और कॉपोरेट डेट दोनों में निवेश किया जा सकता है।
अपने रिटायरमेंट कॉर्पस के साथ 45 वर्ष की अवस्था में काफी स्मार्ट रहें। आपने कहा है कि आप अपना तमाम रिटायरमेंट कॉर्पस कैश में चाहते हैं। क्यों? आप 45 वर्ष की अवस्था में सेवानिवृत होना चाहते हैं।
अगर आपकी आयु 80 वर्ष मान के चलें तो आपके पास सेवानिवृति के बाद 35 साल का समय मिलता है। उस हालात में आपकी आय का एकमात्र स्रोत आपका रिटायरमेंट पोर्टफोलियो होगा। आपके पोर्टफालियो का कुछ हिस्सा कुछ आय अर्जित करने के लिए निवेश किया जा सकता है।
बाकी का निवेश विकास के लिए किया जा सकता है। आपको अगले तीन महीनों के लिए अपने खर्चे की पूर्ति के लिए नकदी केरूप में रखना चाहिए जो एक आदर्श की स्थिति होगी।

First Published : February 22, 2009 | 9:12 PM IST