अर्थव्यवस्था

License to lease: WTO के नियम बने आयात पर रोक लगाने के हथियार

WTO की तरफ से Import Licensing Procedures के समझौते का लक्ष्य यह है कि इन प्रक्रियाओं से व्यापार में बाधा नहीं खड़ी हो

Published by
असित रंजन मिश्र   
Last Updated- August 13, 2023 | 9:45 PM IST

भारत ने बसों, ट्रकों, स्कूटरों और मोटरसाइकिलों के लिए इस्तेमाल होने वाले नूमैटिक टायरों के आयात पर 12 जून, 2020 को प्रतिबंध लगाए थे और भारत ने यह प्रतिबंध विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के आयात लाइसेंसिंग प्रक्रिया के समझौते के तहत लगाए थे। इसके तीन साल बाद भारत फिर आयात को सीमित करने के लिए बहुपक्षीय व्यापार नियमों का इस्तेमाल कर रहा है लेकिन इस बार भारत ने पर्सनल कंप्यूटर, लैपटॉप और टैबलेट्स पर इन नियमों का इस्तेमाल किया है।

नए नियम के अनुसार कंपनियों को इनका आयात करने के लिए विदेश व्यापार के महानिदेशक से लाइसेंस प्राप्त करने की अनुमति लेनी होगी। भारत ने आयात पर रोक लगाने के लिए कई बार इस उपबंध का इस्तेमाल किया है लेकिन ऐसा करने वाला भारत अकेला नहीं है।

‘व्यापार – प्रतिबंधात्मक उपाय’

डब्ल्यूटीओ की सालाना बैठक 2023 के अनुसार आयात लाइसेंसिंग प्रक्रिया की समिति को प्रक्रियाओं या उन्हें बदलने के लिए 16 सदस्य देशों से 56 सूचनाएं प्राप्त हुईं। आयात लाइसेंस प्रक्रिया के समझौते का ध्येय यह है कि इन प्रक्रियाओं से व्यापार में बाधा नहीं खड़ी हो। इसका ध्येय लाइसेंस प्राप्त करने को सरल बनाना है।

हालांकि डब्ल्यूटीओ की व्यापार निगरानी रिपोर्ट के अनुसार इसका इस्तेमाल सरकारों ने कारोबार को बाधित करने के प्रमुख तरीके के रूप में किया है। इस पर 2022 के अंत तक डब्ल्यूटीओ के 13 देशों ने कोई अधिसूचना भी प्रस्तुत नहीं की है। साल 2022 में सदस्यों ने आयात पर रोक लगाने से संबंधित व्यापार चिंताओं पर अपनी चिंताएं उजागर की थीं।

यूरोपियन यूनियन (EU) और अमेरिका ने अंगोला की आयात लाइसेंसिंग की जरूरतों, मिस्र के चुनिंदा खेती और प्रसंस्कृत उत्पादों के आयात के लाइसेंस व सिरैमिक के आयात और इंडोनेशिया के कमोडिटी बैंलेंसिंग तंत्र पर सवाल उठाए थे।

ईयू ने थाईलैंड की गेहूं की आयात प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे। जापान और ईयू ने इंडोनेशिया के तौर तरीके पर सवाल उठाए थे। इस क्रम में इंडोनेशिया के स्टील के उत्पादों के आयात, चुनिंदा वस्रों के आयात लाइसेंस और एयर कंडीनशन के आयात के अनिवार्य पंजीकरण पर सवाल उठाए गए थे। इसी तरह चुनिंदा रिकवरेबल उत्पादों पर चीन के आयात लाइसेंसिंग के नियम बदलने पर अमेरिका ने असहमति जताई थी। कनाडा, ईयू और यूएसए ने भारत को लेकर सवाल उठाए थे। इन देशों ने भारत में चुनिंदा दालों के आयात की जरूरतों पर सवाल उठाए थे। ईयू, इंडोनेशिया, जापान, चीन, ताइपे, थाइलैंड और यूएसए ने नूमैटिक टायरों पर भारत के आयात लाइसेंस को लेकर सवाल उठाए थे।

कारोबार के विशेषज्ञ के अनुसार कृषि उत्पादों के खाने योग्य रहने की अवधि होती है, इन्हें लाइसेंस की प्रक्रिया में काफी देर लग जाती थी और देश ऐसा करके अपने उत्पादों को संरक्षण मुहैया करवाते थे। उन्होंने कहा, ‘हालांकि यह घरेलू उद्योग को संरक्षण देने में कारगर सिद्ध नहीं हुआ है। इसका कारण यह है कि देरी करने से प्रशासनिक बोझ बढ़ जाता है और यह भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा देता है।’

First Published : August 13, 2023 | 9:44 PM IST