जेस्टमनी अपने कर्मचारियों के करीब 20 फीसदी हिस्से यानी 100 कर्मियों की छंटनी कर रही है। फिनटेक फर्म फोनपे की तरफ से हाल में बाय नाउ पे लेटर (बीएनपीएल) प्लेटफॉर्म का प्रस्तावित अधिग्रहण पर विराम लगाने के बाद कंपनी छंटनी का कदम उठा रही है।
गोल्डमैन सैक्स और श्याओमी समर्थित बेंगलूरु की जेस्टमनी के पास करीब 450 कर्मचारी हैं और अगर अधिग्रहण हुआ होता तो इन सभी कर्मियों को फोनपे की तरफ से अपने यहां समायोजित किए जाने की उम्मीद थी।
जेस्टमनी के संस्थापकों ने 30 मार्च की शाम बैठक आयोजित की और विभिन्न विभागों से कर्मियों की छंटनी के बारे में कर्मचारियों को बताया। सूत्रों ने यह जानकारी दी। फोनपे कुछ कर्मियों को नियुक्त करने के लिए जेस्टमनी से बातचीत कर रही है।
एक सूत्र ने कहा, कंपनी कारोबारी निरंतरता या अस्तित्व बचाने की योजना पर काम कर रही है और छंटनी इसी का हिस्सा है। फोनपे प्रबंधन की बातचीत जेस्टमनी से फर्म में बचे 350 कर्मचारियों में से कुछ को नियुक्त करने पर हुई है और यह बातचीत अभी जारी है।
जेस्टमनी ने इस बारे में पूछे जाने पर कोई टिप्पणी नहीं की। निकाले गए कर्मचारियों को सेवरेंस पैकेज मिलेगा, जिसमें स्वास्थ्य बीमा शामिल है।
सूत्रों ने कहा, फोनपे के साथ 15 से 30 करोड़ डॉलर वाला सौदा ड्यू डिलिजेंस में खामियां, मूल्यांकन पर असहमति, कारोबारी निरंतरता और जेस्टमनी की शेयरधारिता के ढांचे के कारण टूट गया।
फंडिंग में सुस्ती, मुश्किल नियामकीय माहौल और आर्थिक अनिश्चितता के बीच सौदा टूटने की वजह वित्तीय तकनीक क्षेत्र (फिनटेक) में मंदी का माहौल है। सूत्रों ने ये बातें कही।
इस अधिग्रहण से वॉलमार्ट समर्थित फोनपे को अपनी उधारी सेवाओं को मजबूत बनाने और गूगल पे, पेटीएम और एमेजॉन पे से भारतीय फिनटेक क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा में मदद मिलने की उम्मीद थी। फिनटेक क्षेत्र साल 2026 तक 350 अरब डॉलर पर पहुंचने का अनुमान है।