हम उड़ान के दौरान यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराएंगे- ल्यूदर्स

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 6:00 AM IST

जेटलाइट के नए मुख्यकार्यकारी माउनू वॉन ल्यूदर्स अपने साथ विमानन उद्योग का 40 साल का अनुभव भी साथ में लाये हैं।


जेटलाइट को यात्रियों के लिए और ज्यादा बेहतर बनाने के लिए जेटलाइट की रीब्रांडिंग करने की योजना बना रही है। इसके लिए कंपनी कुठ हफ्तों में ही हाइब्रिड मॉडल भी लाने वाली है। जेटलाइट के मुख्य कार्यकारी माउनू वॉन ल्यूदर्स ने कंपनी को लेकर अपनी योजनाओं के बारे में हमारी संवाददाता मनीषा सिंघल से बातचीत की।

पेश हैं बातचीत के कुछ मुख्य अंश-

हर तरफ जेट एयरवेज और जेटलाइट के बीच समानता की काफी चर्चा हो रही है। क्या आप भी इस बात को मानते हैं?

हम जेट एयरवेज का अच्छा दोस्त बनने की कोशिश कर रहे हैं। हमें भारतीय बाजार में सही उत्पाद को सही समय पर सही जगह रखने के लिए सही प्रस्ताव चाहिये। हमारे पास दो विमानन कंपनियां हैं जिनका नेटवर्क अलग अलग है। लेकिन दोनों साथ मिलकर और बेहतर काम कर सकती हैं। वितरण प्रणाली, विमान के पुर्जे और रखरखाव कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां हम खरीद और मुनाफे  के लिए मिलकर काम कर सकते हैं।

अगर ऐसा हुआ तो क्या जेटलाइट, जेट एयरवेज के साये में आ कर अपनी पहचान नहीं खो देगी?

दोनों ही कंपनियों का काम करने का मॉडल बिल्कुल अलग है। हम उस अंतर को बनाए रखना चाहेंगे। परिचालन कार्यों में आने वाली दिक्कतों को दोनों ही विमानन कंपनियां मिलकर सुलझाएंगी। पर्दे के पीछे दोनों कंपनियां मिलकर काम करेंगी लेकिन सामने हमारी अलग अलग पहचान होगी।

जेटलाइट की रीब्रांडिंग क्यों की जा रही है और इसकी घोषणा कब की जाएगी?

हम पिछले कुछ महीनों से जेटलाइट की रिब्रांडिंग की योजना पर काम कर रहे थे। अब जल्द ही कुछ हफ्तों में इस बारे में घोषणा भी कर दी जाएगी। हम उड़ान के दौरान जेट एयरवेज के नेटवर्क को भी सुविधाएं देंगे। हमें जेट एयरवेज के ग्राहकों को बेहतरीन सुविधा मुहैया करानी है इसलिए हमें कंपनी के लिए सबसे बेहतर विकल्प के रूप में खुद को पेश करना है। हम यात्रियों को अपनी पसंद का खाना और मर्केंडाइजिंग चुनने की छूट होगी। यह यात्रियों के लिए ज्यादा अच्छा अनुभव होगा।

इस समय बाजार की हालत को देखते हुए क्या आपने अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू करने की योजना में भी फेरबदल किये हैं?

हम वहीं जाएंगे जहां हमारी जरूरत है। हम कहीं भी सिर्फ इसलिए नहीं जाएंगे कि हमें वहां जाना चाहिये। कंपनी की उड़ानों के लिए संभावित अंतरराष्ट्रीय रूटों की शुरू से ही पहचान होना जरूरी है। दरअसल अभी तो हमने सिर्फ बैंकॉक के  लिए ही उड़ानें शुरू करेंगे।

तीन महीने पहले ही जेट एयरवेज के चेयरमैन नरेश गोयल ने कहा था कि 6 महीने के  अंदर ही जेटलाइट बिक जाएगी। अब उनका क्या कहना है?

उन्होंने क्या कहा इस बारे में मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा। लेकिन अभी के हालातों को देखते हुए मैं भी नहीं कह सकता कि आगे क्या होगा। ईंधन की लगातार बढ़ती कीमत सबसे बड़ी चिंता है और हमें नहीं पता कि ये हमें कहां लेकर जाएगी।

समय पर उड़ाने नहीं होने के कारण ही जेटलाइट बाकी विमानन कंपनियों से पिछड़ गई है। अब आप इसे सुधारने के लिए क्या कर रहे हैं?

हमने अपनी क्षमता पर यात्रियों का भरोसा कायम करने के लिए काफी कुछ किया है। ये लोगों के रवैये की भी बात है। हमें अपनी तकनीकी क्षमता पर और ध्यान देना होगा। लेकिन हम उतने भी बुरे नहीं हैं जितना हमारे बारे में बताया जाता है। कई बार उड़ानों में देर ऐसे कारणों से भी होती हैं जिन पर आपका कोई जोर नहीं चलता है। हमारी अधिकतर उड़ानें प्राइम टाइम स्लॉट में हैं और उस वक्त देर होने की संभावना ज्यादा रहती हैं।

हाल ही में कई पायलेटों ने कंपनी छोड़ दी है। इस बारे में आपका क्या कहना है ?

ये बात सही है कि कई पायलेटों ने नौकरी छोड़ दी है। लेकिन नए पायलेट्स भी तो हमारी कंपनी ज्वाइन कर रहे हैं। ये कोई नई बात नहीं है पायलेट भी तो अपने करियर के लिए बेहतर संभावनाएं खोजते हैं और हर कोई एक बेहतर कंपनी के साथ ही काम करना चाहता है।

हम पायलेटों में कंपनी के प्रति कुछ वफादारी तो जरूर चाहेंगे। लेकिन साथ ही हमें हकीकत भी ध्यान में रखनी है। हो सकता है हम सबसे अच्छे नियोक्ता नहीं हो लेकिन हम अपने कर्मचारियों के साथ और बेहतर तरीके से पेश आऐंगे खास तौर पर पायलेटों के साथ, जिससे हमारे साथ काम करते वक्त हमारे कर्मचारी ज्यादा सुरक्षित महसूस करे और कंपनी से जुड़ाव भी महसूस करे।

First Published : June 17, 2008 | 12:12 AM IST