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सवाल जवाब: संसाधनों के प्रबंधन की सबसे बड़ी चुनौती- CFO, L&T

L&T के CFO आर शंकर रमन ने कहा कि सऊदी अरब में हमारी परियोजनाओं को आपूर्ति श्रृंखला संबंधी तमाम समस्याओं से जूझना पड़ रहा है।

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अमृता पिल्लई   
Last Updated- November 05, 2023 | 11:51 PM IST

लार्सन ऐंड टुब्रो (ऐलऐंडटी) ने सितंबर तिमाही में अपने ऑर्डर बुक और ऑर्डर प्रवाह में एक नई ऊंचाई दर्ज की है। कंपनी के मुख्य वित्त अधिकारी और पूर्णकालिक निदेशक आर शंकर रमन ने अमृत्ता पिल्लै के साथ वीडियो बातचीत में पश्चिम एशिया में कंपनी की संभावनाओं, भारत के ऑर्डर प्रवाह और एलऐंडटी के नए कारोबारों के बारे में चर्चा की। मुख्य अंशः

राजस्व और ऑर्डर मजूबत होने से क्या कंपनी अब मार्जिन पर ध्यान देगी?

हमारा ध्यान हमेशा मार्जिन पर था। दुर्भाग्य से हमारे कारोबार में लागत ग्राहक को पहले ही बता दी जाती है और इसके निष्पादन में तीन से चार वर्षों का समय लग जाता है।

4.5 लाख करोड़ रुपये के बकाया ऑर्डर बुक को क्रियान्वित करने में मुख्य चुनौतियां क्या हैं ? क्या आप श्रम, आपूर्ति-श्रृंखला संबंधी चिंताएं देखते हैं?

सऊदी अरब में हमारी परियोजनाओं को आपूर्ति श्रृंखला संबंधी तमाम समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। वहां की ईपीसी परियोजनाओं के लिए परिस्थितियां बदल रही हैं और वे भारत के मुकाबले अलग हैं। वे एल-1 अनिवार्यता को नजरअंदाज करने से भी गुरेज नहीं करते हैं और कम से कम कीमत में परियोजना पूरी कराना चाहते हैं।

ऐसे ग्राहकों की नजर परियोजनाएं चालू करने की बजाय परियोजनाएं पूरी करने पर रहती हैं। मगर, वास्तविकता यह है कि हम इसे कैसे पूरा करते हैं। इसलिए हमारे ऊपर संसाधन जुटाने और आपूर्ति श्रृंखला की लागत को कम रखने का दबाव बढ़ गया है। जाहिर तौर पर हमारी सबसे बड़ी चुनौती संसाधनों के प्रबंधन की है।

आपको ज्यादातर ऑर्डर सऊदी अरब से मिल रहे हैं, क्या कंपनी को जोखिम कम करने या विविधता लाने की जरूरत है?

सऊदी अरब और सऊदी अरामको में परियोजनाओं को क्रियान्वित करने में अब तक हमारा रिकॉर्ड संतोषजनक है। हमारे साथ ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है जिससे हमें जोखिम से मुक्त करने की जरूरत हो। बड़े अनुबंधों से जुड़े जोखिम बन हुए हैं और उन पर सावधानी से ध्यान देने की जरूरत है। क्षमता बरकरार रहने तक हम ऐसे अवसरों में हिस्सा लेते रहेंगे।

शायद कभी ऐसा भी वक्त आएगा जब हमें खिंचाव महसूस होगा उस वक्त हमें निर्णय लेना पड़ सकता है। मुझे लगता है कि उस वक्त संसाधनों, अवसरों को संतुलित करना और लाभप्रदता बने रहने के लिए हमें जूझना पड़ेगा।

क्या अगली कुछ तिमाहियों में कारोबार के कुछ हिस्सों को छोड़ने पर आप कोई निर्णय लेंगे?

हम ताप विद्युत ईपीसी के अलावा किसी अन्य कारोबारी इकाई से परहेज नहीं करना चाहते हैं। दरअसल, ताप विद्युत ईपीसी कारोबार में संभावनाएं सीमित हैं और जो कुछ भी संभावनाएं हैं वह काफी हद तक पूरी हो चुकी हैं।

First Published : November 5, 2023 | 11:51 PM IST