अरबपति सुनील मित्तल के फैमिली ऑफिस और अमेरिकी प्राइवेट इक्विटी दिग्गज वारबर्ग पिनकस ने 6,000 करोड़ रुपये (72 करोड़ डॉलर) के बेहद कम मूल्यांकन पर हायर इंडिया में 49 फीसदी हिस्सेदारी के लिए बोली लगाई है। मामले के जानकार सूत्रों ने यह जानकारी दी।
चीन की मूल कंपनी, हायर समूह ने शुरू में करीब 2 अरब डॉलर (17,100 करोड़ रुपये) का मूल्यांकन मांगा था। लेकिन प्रस्ताव बहुत कम के मिले। सूत्र ने बताया कि यह चर्चा निजी है। उन्होंने कहा, हायर अब इस बात पर विचार कर रहा है कि सौदे पर आगे बढ़ा जाए या बाजार की स्थितियों में सुधार का इंतजार किया जाए।
प्रस्तावित लेन-देन के हिस्से के रूप में हायर इंडिया के कर्मचारी 2 फीसदी हिस्सेदारी हासिल कर सकते है जबकि दो साल के भीतर सार्वजनिक सूचीबद्धता पर विचार किया जा रहा है जिससे कि चीनी फर्म को बाहर निकल सके। घटनाक्रम से जुड़े एक व्यक्ति ने कहा, सौदे के बाद खरीदार को चीन की मूल कंपनी को भारी ब्रांड उपयोग शुल्क और रॉयल्टी का भुगतान करना होगा, जिससे मूल्यांकन कम हो गया है। सूत्रों के अनुसार, भारतीय सहायक कंपनी का पूर्ण स्वामित्व रखने वाली हायर कई महीनों से निकासी की संभावना तलाश रही है। यहां तक कि उसने भारत के सबसे बड़े समूह रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के साथ शुरुआती दौर में चर्चा भी की है। हायर, मित्तल के फैमिली ऑफिस और वारबर्ग पिनकस को शुक्रवार को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं दिया।
प्रस्तावित सौदा भू-राजनीतिक तनाव और चीन के निवेश की भारत में बढ़ती जांच के बाद चीन की कंपनियां भारत में अपने निवेश को कम कर रही हैं। पिछले साल मार्च में चीन की वाहन निर्माता एसएआईसी मोटर ने अपनी भारतीय सहायक कंपनी एमजी मोटर्स इंडिया में बहुलांश हिस्सेदारी सज्जन जिंदल समूह को बेचने पर सहमति व्यक्त की थी। इस साल मई में एंट समूह ने ब्लॉक ट्रेड के माध्यम से 24.6 करोड़ डॉलर के बदले पेटीएम से अपना निवेश निकाल लिया।
हायर ने 2004 में भारत में प्रवेश किया। रेफ्रिजरेटर बाजार में इसकी हिस्सेदारी 14 फीसदी है। वॉशिंग मशीन, टीवी और एयर कंडीशनर सहित अन्य श्रेणियों में इसकी उपस्थिति एक अंक में है।
स्टैटिस्टा के आंकड़ों के अनुसार भारत का घरेलू उपकरण बाजार 2025 में 64.3 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है जो 2030 तक 7.3 फीसदी सालाना चक्रवृद्धि दर से बढ़ेगा।