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कैट की ‘घंटी’ बांधने वालों को मिलेंगे मेंटर

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 10, 2022 | 12:45 AM IST

देश के कुछ प्रमुख प्रबंध संस्थानों जैसे भारतीय प्रबंधन संस्थान कलकत्ता (आईआईएम-सी) भारतीय प्रबंधन संस्थान कोझिकोड (आईआईएम-के), भारतीय प्रबंधन संस्थान लखनऊ (आईआईएम-एल), नीति मुंबई और आईआईटी-केजीपी के छात्रों ने स्वेच्छा से कॉमन एडमिशन टेस्ट (कैट) की लिखित परीक्षा को पास करने वालों का मार्गदर्शन करने का बीड़ा उठाया है।
प्रमुख प्रबंधन संस्थानों के ये छात्र कैट विद्यार्थियों की मदद अंतिम चरण (समूह चर्चा और वैयक्तिक साक्षात्कार) में करेंगे और आईआईएम या आईआईटी में प्रवेश दिलाएंगे। इस कार्यक्रम को वैसे छात्रों ने शुरू किया है, जिनका प्रवेश प्रक्रिया से कुछ लेना-देना नहीं है।
प्रशासन ने ही छात्रों की काउंसलिंग की जरूरत को समझते हुए इस कार्यक्रम को अपना समर्थन दिया है। प्रशासन का मानना है कि यह कार्यक्रम बेहतरीन प्रतिभाओं को संस्थान में प्रवेश लेने में मदद कर सकता है।
यह कार्यक्रम संबंधी संस्थानों में या तो संस्थान की वेबसाइट के जरिये या फिर इस कार्यक्रम के लिए बनाई गई विशेष वेबसाइट के जरिये चलाया जाएगा। मेंटर (मार्गदर्शक) और उनके शिष्य के प्रोफाइल को मिलाया जाएगा, जो उनकी पृष्ठभूमि और क्षेत्र पर निर्भर करता है।
परिणामों की घोषणा की तारीख से लेकर अंतिम पेशकश की घोषणा तक लिखित परीक्षा पास करने वाले छात्र को एक मेंटर दिया जाएगा, जो इस पूरी प्रक्रिया में उसकी मदद करेगा। अकेले आईआईएम-सी के छात्र मेंटर की भूमिका निभाएंगे और इस साल 1,000 से अधिक छात्रों की मदद करेंगे।
आईआईएमसी की बाह्य संपर्क शाखा के प्रतिनिधि और छात्र रोहन महाजन का कहना है, ‘साक्षात्कार मंडल और समूह चर्चा में भाग लेने का हमारे पास अनुभव है। हमारे साथ लगभग 200 मेंटॉर हैं जो छात्रों की मदद करेंगे।’
अंतिम चरण में भाग लेने वाले छात्रों को आईआईएमसी की वेबसाइट पर खुद को रजिस्टर करने होगा, जिसके बाद वे मेंटर के संपर्क में आ सकते हैं। एक पूरक वेबसाइट डब्ल्यूडब्लयूडब्ल्यू डॉट जेओकेएटाइम्स डॉट कॉम पर भी साक्षात्कार के अनुभवों और वरिष्ठ छात्रों की सलाह को प्रकाशित किया जाएगा।
इस वेबसाइट पर एक खुला मंच भी होगा, जहां समूह चर्चा और वैयक्तिक साक्षात्कारों पर चर्चा की जा सकेगी। अन्य पिछड़ी जातियों के कोटा लागू होने को ध्यान में रखते हुए आईआईएम-सी ने इस साल सीटों की संख्या बढ़ाते हुए 407 कर दी है, जबकि पिछले साल में संस्थान में 304 छात्रों को ही प्रवेश मिल पाया था।
आईआईएम-सी में समूह चर्चा और वैयक्तिक साक्षात्कार के लिए इस साल 1,242 छात्रों का चयन किया गया है। आईआईएम-सी में मेंटरशिप कार्यक्रम के लिए पहले ही 1,242 छात्रों में से 1,000 छात्र खुद को रजिस्टर करवा चुके हैं।
आईआईएम-के में मेंटरशिप 2009 समूह चर्चा और वैयक्तिक साक्षात्कार के लिए चुने गए छात्रों को गाइड करने का एक प्रयास है और साथ ही इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि सही छात्रों को संस्थान में जगह मिले। लिखित परीक्षा में चुने गए छात्रों के विभिन्न सवालों के जवाब इस कार्यक्रम के जरिये दिए जाएंगे।
मेंटर ऑनलाइन समूह चर्चा और वैयक्तिक साक्षात्कार आयोजित करेंगे। साथ ही छात्रों की जरूरत के अनुसार फोन के जरिये काउंसलिंग भी दी जाएगी। मेंटॉर पठन सामग्री भी मुहैया कराएंगे।

आईआईएम-एल में छात्रों ने समूह चर्चा और साक्षात्कार के लिए आधिकारिक मेंटरशिप कार्यक्रम शुरू किया है, जिसमें अंतिम चरण के लिए चयनित छात्रों की मदद की जाएगी।
संस्थान की वेबसाइट पर तुरंत पूछे जाने वाले सवालों की एक फेहरिस्त दी जाएगी, साथ ही सवालों पर चर्चा करने के लिए एक मंच भी होगा, जो रजिस्टर्ड चयनित छात्रों की मदद करेगा। इसके अलावा इस साइट पर महत्वपूर्ण तिथियां, घोषणाएं, संस्थान में शैक्षिक या अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों की जानकारी दी जाएगी।
आईआईएमएल के एक प्रोफेसर साजी नायर का कहना है, ‘इस साल पीजीपी के लिए हमारे पास 313 सीटें हैं। समूह चर्चा और साक्षात्कार के लिए लगभग 1,879 छात्रों का चयन किया गया है। चयनित छात्रों और मेंटर का अनुपात 1:6 रहेगा।’
नीति मुंबई में समूह चर्चा और साक्षात्कार के लिए फरवरी के मध्यम में छात्रों को सूचना भेजी जाएगी। नीति के मीडिया समन्वयकर्ता विशाल वर्मा का कहना है, ‘चयनित छात्रों के ई-मेल आईडी हमारे पास हैं।
हम उन्हें एक ई-मेल भेजेंगे और हमारी वेबसाइट पर रजिस्टर्ड होने के लिए पूछेंगे। लगभग 50 से 60 छात्र इस साल तकरीबन 800 चयनित छात्रों के लिए मेंटर की भूमिका निभाएंगे। इस साल लगभग 180 सीटें रखी गई हैं।
दूसरी तरफ आईआईटी-खड़गपुर ने  छात्रों की सोसायटी ‘कम्युनिक’ बनाई है। छात्रों की यह संस्था कार्यशालाएं और अभ्यास सत्रों के जरिये छात्रों में जनसंपर्क के कौशल को और निखारेंगी।
आईआईटी-खड़गपुर के प्लेसमेंट चेयरमैन बी. के. माथुर के अनुसार, ‘दशहरे के बाद छात्रों का काम प्लेसमेंट को ध्यान में रखकर होता है और वे तब अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए समूह चर्चा और साक्षात्कार पर कार्यशालाएं, अभ्यास सत्र आयोजित करेंगे। बसंत सत्र में हम छात्रों के लिए वैकल्पिक करियर पर काउंसलिंग सत्र और कार्यशालाएं आयोजित करेंगे।’

First Published : February 11, 2009 | 9:57 PM IST