नकदी संकट से जूझ रही एडटेक कंपनी बैजूस ने देश भर में अपने सभी क्षेत्रीय बिक्री ऑफिस खाली कर दिए हैं। कंपनी ने बेंगलूरु के में नॉलेज पार्क स्थित आईबीसी में अपने मुख्यालय को ही बरकरार रखा है।
सूत्रों ने यह जानकारी दी कि पुनर्गठन की कवायद के तहत पिछले कुछ महीनों से ऐसा ही चल रहा है क्योंकि एडटेक दिग्गज भारी नकदी संकट से जूझ रही है और लेनदारों के साथ उसका विवाद चल रहा है। इसके अलावा कंपनी ने अपने मूल्यांकन में कमी का भी सामना किया है। एक सूत्र ने कहा कि यह पिछले छह महीने से हो रहा है क्योंकि कंपनी को नकदी की किलल्त है।
जिन कारणों से स्थिति ज्यादा चुनौतीपूर्ण बन गई, उनमें बैजूस व उसके निवेशकों का कंपनी के 20 करोड़ डॉलर के राइट्स इश्यू को लेकर एनसीएलटी में आमने-सामने होना है। यहां दायर याचिका में कुप्रबंधन और दमन का आरोप लगाया गया है। निवेशकों के साथ विवाद के बीच राइट्स इश्यू के जरिये जुटाई गई रकम अलग खाते में रखी गई है।
कंपनी के करीब 15,000 कर्मचारी हैं। इन कर्मचारियों से तत्काल प्रभाव से घर से काम करने को कहा गया है। हालांकि देश भर में बैजूस के 300 ट्यूशन सेंटर में काम करने वाले कर्मी ऑफिस जाना जारी रखेंगे। देश के सभी क्षेत्रीय बिक्री ऑफिसों के बंद करने की रणनीति बैजूस इंडिया के सीईओ अर्जुन मोहन की पुनर्गठन योजना का हिस्सा है।
बैजूस की रणनीति के एक जानकार ने कहा कि बैजूस के क्षेत्रीय ऑफिस करीब-करीब सभी राज्यों में हैं और जब कंपनी ने बैजूस के ट्यूशन सेंटर खोले तो ओवरलैप हो गया। जब बैजूस के नए भारतीय सीईओ अर्जुन मोहन आए तो उन्होंने दक्षता के लिए ट्यूशन सेंटरों में सेल्स ऑफिस का भी काम कराने का फैसला लिया। ट्यूशन सेंटर में संख्या सप्ताहांत के दौरान या हफ्ते में कुछ ही बार देखी जाती है और ज्यादातर समय उस जगह का ठीक से इस्तेमाल नहीं
हो पाता।
सूत्रों के अनुसार पिछले साल सितंबर में बैजूस ने करीब 4,000 कर्मियों की छंटनी का फैसला लिया था और यह भी अर्जुन मोहन की पुनर्गठन कवायद का हिस्सा था। अर्जुन मोहन को मृणाल मोहित की जगह भारतीय कारोबार का सीईओ बनाया गया था। पिछले साल की शुरुआत में बैजूस ने 1,000 कर्मियों की छंटनी की थी। 2022 में कंपनी ने 2,500 लोगोंको काम से निकाला था। एक सूत्र ने कहा कि बैजूस के कुछ ट्यूशन सेंटर में कर्मचारियों की संख्या दोगुनी हो गई है जिनमें बैजूस ऐप का सेल्स स्टाफ भी है।
बैजूस ने कर्मचारियों को वेतन का कुछ हिस्सा दिया है क्योंकि निवेशकों के साथ जारी विवाद के बीच राइट्स इश्यू से जुटाई गई रकम अलग खाते में बंद है। बैजूस के संस्थापक व मुख्य कार्याधिकारी बैजू रवींद्रन ने कहा था कि एडटेक फर्म यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि वेतन का भुगतान 10 मार्च तक कर दिया जाए।
कंपनी अब बाकी रकम का भुगतान तब करेगी, जब राइट्स इश्यू की रकम उपलब्ध होगी जो उसे जल्द मिलने की उम्मीद है। सूत्रों के मुताबिक बैजूस ने एनसीएलटी में अपील कर उस रकम के इस्तेमाल की इजाजत मांगी है।
बैजूस के खिलाफ याचिका पर चार निवेशकों प्रोसस, जनरल अटलांटिक, सोफिना और पीक एक्सवी (पूर्व में सिकोया) ने अन्य शेयरधारकों जैसे टाइगर ग्लोबल व ओडब्ल्यूएल वेंचर्स के समर्थन से हस्ताक्षर किए हैं।