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कृषि क्षेत्र के लिए बजट में खास आवंटन नहीं

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 8:56 AM IST

नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों की चिंताओं की झलग बजट में मिलनी तय लग रही थी। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि मोदी सरकार ने किसानों के हितों को हमेशा प्राथमिकता दी है। अपनी बात को और वजन देने के लिए वित्त मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार हमेशा से किसानों की हितैषी रही है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के मुकाबले उनकी सरकार ने किसानों से अधिक से अधिक मात्रा में खाद्यान्न खरीदे हैं। उन्होंने अनाज मंडियों (एपीएमसी) को 100,000 लाख करोड़ रुपये कोष वाले एक्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड (एआईएफ) तक पहुंच उपलब्ध कराने की घोषणा की।
हालांकि जहां तक आवंटन की बात रही तो बजट में कृषि क्षेत्र के लिए खास प्रावधान नहीं किए गए हैं। वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में कृषि एवं सहायक क्षेत्रों के लिए कुल प्रावधान 148,301 करोड़ रुपये रखने की घोषणा की गई। वित्त वर्ष 2021 के संशोधित अनुमान के मुकाबले यह महज 2.02 प्रतिशत अधिक है।
एआईएफ के लिए बजट में 900 करोड़ रुपये प्रावधान किए गए हैं। एआईएफ दिशानिर्देशों में अधिकतम 2 करोड़ रुपये के ऋण पर सालाना 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान दिए जाने का प्रावधान है। बजट में कृषि क्षेत्र के संबंध में हुई घोषणाओं पर फेडेरेशन ऑफ सीड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एफएसआईआई) के निदेशक राम कौंदिन्य ने कहा, ‘कुल मिलाकर बजट में कृषि क्षेत्र के लिए चीजें जस की तस रही हैं। खासकर बीज उद्योग पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है।’
ग्रामीण क्षेत्र की बात करें तो इसके मद में बजट में आवंटन संशोधित अनुमान के मुकाबले 10 प्रतिशत कम यानी 194,633 करोड़ रुपये रहा है। मनरेगा के मद में आवंटन 30 प्रतिशत कम कर दिया गया है। वित्त वर्ष 2020-21 में मनरेगा का बजट 61,500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1,11,500 करोड़ रुपये कर दिया गया था। कोविड-19 महामारी के बाद लाखों की तादाद में प्रवासी मजदूर अपने गांव लौट गए थे जिसके बाद सरकार को मनरेगा के मद में प्रावधान बढ़ाना पड़ा।
इस बारे में मनरेगा संघर्ष मोर्चा के देवमाल्य नंदी ने कहा, ‘मनरेगा के मद में इतनी बड़ी कटौती होने के ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब परिवारों पर काफी दबाव बढ़ जाएगा।’
वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में ग्रामीण सड़कों के लिए आवंटन 2021-22 के बजट अनुमान के मुकाबले करीब 10 प्रतिशत बढ़ा दिया गया है।
एक बड़े कदम के तहत केंद्र ने वित्त वर्ष 2020-21 में खाद्य सब्सिडी के मद में 422,618.14 करोड़ रुपये की बड़ी रकम का प्रावधान किया था। यह बजट अनुमान 179,618.14 करोड़ रुपये के मुकाबले काफी अधिक था। वित्त वर्ष 2022 के लिए खाद्य सब्सिडी के मद में प्रावधान 242,838 करोड़ रुपये रखा गया है।
वित्त मंत्री ने ग्रामीण बुनियादी ढांचे के विकास के लिए आवंटन बढ़ाकर 40,000 करोड़ रुपये किया है। वित्त वर्ष 2021 में सरकार ने इस मद में 30,000 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। वित्त मंत्री ने कहा कि 1,000 और मंडिया इलेक्ट्रॉनिक नैशनल मार्केट से जोड़ी जाएंगी और कृषि क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए कृषि ढांचागत कोष का लाभ एपीएमसी को भी दिया जाएगा।

First Published : February 2, 2021 | 12:14 AM IST