लेखक : अक्षय जेटली

आज का अखबार, लेख

परमाणु ऊर्जा के लिए अनुकूल हालात की जरूरत

बुनियादी नीति की बात करें तो पांच ऐसे क्षेत्र हैं जो संभावित परमाणु ऊर्जा उत्पादन को संभव बना सकते हैं। विस्तार से बता रहे हैं अजय शाह और अक्षय जेटली हम भारतीय यह मानते आए हैं कि अंतरिक्ष में कोई भी गतिविधि केवल सरकार करती है। परंतु अंतरिक्ष यात्रा को लेकर बेहतरीन वैश्विक ज्ञान में […]

आज का अखबार, लेख

नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करने के लिए बिजली क्षेत्र में सधी रणनीति की जरूरत

कार्बन (जीवाश्म ईंधन) का युग समाप्त होने को है। अब हम इस बात पर चर्चा कर सकते हैं कि भारत में जीवाश्म ईंधन का इस्तेमाल कब बंद होगा। परंतु वर्ष 2070 तक विशुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य प्राप्त करना है तो वर्ष 2050 तक कार्बन रहित ऊर्जा तंत्र मजबूती से खड़ा करना होगा। एक […]

आज का अखबार, लेख

संगठनात्मक सुधार से ऊर्जा संक्रमण के मिलेंगे परिणाम

केंद्र सरकार में संगठनात्मक स्तर पर सुधार से सरकारी कामकाज अधिक सक्षम एवं प्रभावी ढंग से हो पाएंगे। बता रहे हैं अजय शाह और अक्षय जेटली सं शयवादी भारत में सरकार के भारी भरकम आकार पर लंबे समय से टीका-टिप्पणी करते रहे हैं। उनके अनुसार केंद्र सरकार का आकार 15 मंत्रियों एवं रायसीना हिल (राष्ट्रपति […]

आज का अखबार, लेख

बिजली सब्सिडी देने के तरीके में हो रहा सुधार

नीति निर्धारक बिजली सब्सिडी देने में अधिक पारदर्शिता बरतने लगे हैं। सरकारी खजाने से इस मद में दी जाने वाली सब्सिडी का भुगतान अब पहले की तुलना में काफी स्पष्ट एवं पारदर्शी हो गया है। यह बदलाव बिजली क्षेत्र की परंपरागत समस्याओं के निदान के लिए महत्त्वपूर्ण विकल्पों को बढ़ावा दे रहा है। इस क्षेत्र […]

आज का अखबार, लेख

Opinion: जलवायु परिवर्तन की तीन बड़ी चुनौतियां

अकार्बनीकरण की राह बिजली क्षेत्र से होकर जाती है। आज यह क्षेत्र देश के कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन के एक तिहाई के लिए जिम्मेदार है। वृद्धि के लिए अधिक बिजली की जरूरत है और अर्थव्यवस्था के अन्य हिस्से जीवाश्म ईंधन से बिजली की ओर जा रहे हैं। भारत में कार्बन मुक्त बिजली क्षेत्र की तस्वीर कैसी […]

आज का अखबार, लेख

Opinion: कैसे दूर हो रिन्यूएबल एनर्जी क्षेत्र के अंतराल की समस्या

नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की एक समस्या यह है कि इससे होने वाले विद्युत उत्पादन में तयशुदा अंतराल अवश्यंभावी है। इस संबंध में बता रहे हैं अजय शाह और अक्षय जेटली हर कारोबार में उत्पादन, परिवहन, भंडारण और खुदरा कारोबार की एक खाद्य श्रृंखला होती है। कुछ लोग टमाटर उगाते हैं। कुछ लोग ठंडा रखने की […]

आज का अखबार, लेख

Opinion: बेहतर आर्थिक वृद्धि और बिजली सुधार

भारतीय बिजली क्षेत्र की बात की जाए तो नीति निर्माताओं की मंशा चाहे जो भी रही हो लेकिन देश में ताप बिजली क्षमता में ठहराव है। सीईए के आंकड़े दिखाते हैं कि ताप बिजली क्षमता 2005 के 100 गीगावॉट से बढ़कर 2018 में 300 गीगावॉट हो गई। उसके पश्चात इसमें ठहराव आ गया। सीएमआईई कैपेक्स […]

अंतरराष्ट्रीय, आज का अखबार, लेख

कार्बन कर व्यवस्था के बीच निर्यात

नीति निर्माताओं को भारत को दुनिया भर में कार्बन कर की बढ़ती पहुंच के साथ जोड़ने में मदद करनी चाहिए। ​इस विषय में जानकारी प्रदान कर रहे हैं अजय शाह और अक्षय जेटली यूरोपीय कार्बन बॉर्डर एडजस्टमेंट मैकेनिज्म (सीबीएएम) के क्रियान्वयन की दिशा में ठोस कदम आगामी 1 अक्टूबर, 2023 से उठाए जाएंगे और इसे […]