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डिजिटल समाधान पर अशोक लीलैंड के जोर से डेटा मुद्रीकरण को बल

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 11:25 PM IST

वाणिज्यिक वाहन बनाने वाली प्रमुख कंपनी अशोक लीलैंड नए जमाने के डिजिटल समाधान तैयार करने के लिए तेजी से प्रयास कर रही है। इसके जरिये जमीन पर 2,20,000 से अधिक वाहनों की रियल टाइम निगरानी की जा सकेगी और ब्रेकडाउन की स्थिति में तत्काल सहायता के अलावा समस्याओं का अनुमान लगाने और एआई आधारित ग्राहक समाधान उपलब्ध में भी मदद मिलेगी। इस प्रकार कंपनी अब डेटा मुद्रीकरण के जरिये भविष्य के लिए राजस्व का एक नया स्रोत तैयार कर रही है।
कंपनी के मुख्य डिजिटल अधिकारी वेंकटेश नटराजन ने कहा कि कंपनी न केवल सर्विसिंग समुदाय की मदद करने वाले अपटाइम सॉल्यूशन सेंटर (रियल टाइम निगरानी) जैसे प्लेटफॉर्म के जरिये डेटा का अप्रत्यक्ष मुद्रीकरण करना चाहती है बल्कि ईंधन भरने और चोरी की ट्रैकिंग करने जैसे एआई आधारित समाधान के लिए ग्राहकों से शुल्क लेते हुए प्रत्यक्ष मुद्रीकरण की भी तैयारी कर रही है। इसके अलावा कंपनी ग्राहकों को डेटा सेवाएं भी प्रदान करेगी। यह पहल डिजिटल गतिधियों के जरिये ग्राहक अनुभव में सुधार के लक्ष्यों के अतिरिक्त होगी। एक अनुमान के अनुसार, कंपनी ने अपने ग्राहकों को करीब 15 फीसदी लागत बचाने में मदद की है। इसके अलावा उसने ईंधन पर करीब 5 से 6 फीसदी और बेड़े की उपयोगिता पर करीब 15 फीसदी लागत बचाने में मदद की है। कंपनी अपने ग्राहकों के लिए ईंधन समाधान के जरिये प्रति माह कथित तौर पर 25 लाख रुपये से अधिक की बचत करने में मदद की है। नटराजन ने कहा, ‘यह अभी भी विकास के चरण में है और फिलहाल यह अनुमान लगाना कठिन है कि डेटा मुद्रीकरण के जरिये हम कितने राजस्व की उम्मीद कर सकते है।’ कंपनी ने करीब एक दशक पहले डिजिटल पहल की शुरुआत की थी लेकिन कुछ साल पहले आई-अलर्ट (कनेक्टेड व्हीकल प्लेटफॉर्म), सर्विस मंडी, लेकार्ट (कलपुर्जा बिक्री के लिए प्लेटफॉर्म) और ई-डायग्नोस्टिक्स जैसे प्लेटफॉर्म के लॉन्च होने से उसमें तेजी आई है। कंपनी ने 2020 में अगली पीढ़ी के समाधान- डिजिटल नेक्स्ट- के साथ आई थी जो ग्राहकों को ईंधन प्रबंधन के ट्रेसिंग एवं ट्रैकिंग के अलावा सर्विस संबंधी अलर्ट आदि सेवाएं मुहैया कराता था।

First Published : November 19, 2021 | 11:46 PM IST