बीता सप्ताह बंबई शेयर बाजार (बीएसई) में सूचीबध्द हुए छोटे शेयरों के लिए ऐतिहासिक रहा।
जी गुप के केजीएन इंस्टीटयुट्स और सिल्फ टेक्नोलॉजी के शेयरों की कीमतों में जिस तरह इजाफा हुआ उसने लोगों को असमंजस में डाल दिया। गुरुवार को बिकवाली के लिए उपलब्ध केजीएन के सिर्फ 827 शेयरों का दाम 100 रुपये से बढ़कर 55,000 हो गया।
यह कंपनी सात साल के अंतराल के बाद फिर से शेयर बाजार में सूचीबध्द हुई थी। इसी तरह शुक्रवार को इंदौर की तकनीकी कंपनी सिल्फ टेक्नालॉजी के शेयर की कीमत 80 पैसे से बढ़कर 800 रुपये हो गई। यह शेयर भी केवल 6,500 वोल्यूम के साथ इस दिन फिर से सूचीबध्द हुआ था।
बाजार सूत्रों के अनुसार इस तरह की कंपनियों के शेयर धारक एक साधारण दिशानिर्देश का पालन करते हैं, जहां खरीद-बिक्री केवल कागजों पर होती है। मिसाल के तौर पर अगर केजीएन का शेयर एक ही दिन में 100 रुपये से बढ़कर 55,000 रुपये तक पहुंचता फिर गिरकर 15,000 रुपये तक आता है तो इसके खरीददारों को एक ही दिन में दसियों लाख रुपयों का घाटा होता है।
दूसरी ओर पिछले सात सालों से इन कंपनियों के शेयरों को अपने पास रखने वाले बिक्रीकर्ता को कोई कर नहीं चुकाना पड़ा होगा क्योंकि एक साल अधिक किसी कंपनी के शेयरों को अपने पास रखने पर लंबी अवधि में अर्जित लाभ कर से छूट मिलती है।
इन दोनों कंपनियों के शेयर खरीदने वाले अब इन्हें एक साल तक अपने पास रखेंगे, फिर इससे से हुए नुकसान को कंपनियों की अन्य कारोबारी गतिविधियों से पूर्ण करेंगे। सूत्रों के अनुसार इस तरह के शेयरों के बिक्रीकर्ता और खरीददार दोनों लाभ में रहते हैं।
इस तरह की कारस्तानी जान बूझकर उन कंपनियों की जानकारी निकालकर की जाती है, जिनके कारोबार को अनुदेश पालन न करने के कारण निलंबित किया गया हो। वर्तमान में 1,500 कंपनियां इस कारण निलंबन झेल रहीं हैं। इन पर लगे आरोपों में लिस्टिंग समझौते का उल्लंघन, समय पर नतीजे और कॉर्पोरेट गवर्नेस प्रमाण पत्र न पेश करना प्रमुख है। इन्हें जैसे ही दोबारा हरी झंडी मिलती है, शेयर दलाल इन पर कारोबार प्रारंभ कर देते हैं।
विशेषज्ञ कहते हैं सेबी इस तरह की चालाकी करने वालों को पकड़ने में सक्षम हैं। यहां इस पर भी दिलचस्पी होगी कि कहीं खरीददार और बिक्रीकर्ता के बीच कोई सांठगांठ तो नहीं है। यहां यह भी महसूस किया जा रहा है कि कम फ्लोटिंग स्टॉक वाली कंपनियों को कारोबार करने से रोका जाना चाहिए। चर्चा का विषय बनी केजीएन का फ्लोटिंग स्टॉक महज 1.45 और सिल्फ टेक्नोलॉजी का 2 प्रतिशत ही था।
खास बातें
गुरुवार को केजीएन का शेयर 100 रुपये से सीधे बढ़कर 55,000 रुपये हो गया, जबकि शुक्रवार को सिल्फ टेक्नोलॉजी का 80 पैसे का शेयर बढ़कर 800 रुपये हो गया
केजीएन और सिल्फ का शेयर खरीदने वाले इसे एक साल तक अपने पास रखेंगे और इससे हुए नुकसान की भरपाई पूरे साल दूसरी कारोबारी गतिविधियों से करेंगे