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मार्केट करेक्शन में SIP जारी रखें या रोक दें? एक्सपर्ट्स ने बताया मुनाफे का फॉर्मूला

बाजार में गिरावट के बावजूद SIP निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं, एक्सपर्ट्स ने बताया कैसे निवेश जारी रखने से हो सकता है बड़ा फायदा।

Published by
कुमार गौरव   
देवव्रत बाजपेयी   
Last Updated- February 13, 2025 | 4:14 PM IST

पिछले 6 दिनों में भारतीय शेयर बाजार में अच्छी खासी गिरावट देखने को मिली है। इन 6 कारोबारी सेशंस में निवेशकों को करीब 21 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। सेंसेक्स भी अपने सितंबर 2023 के हाई (85,978) से करीब 12% गिर चुका है। हालांकि, इस गिरावट के बावजूद म्युचुअल फंड्स में निवेशकों का भरोसा कायम है। खासतौर पर SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) में निवेश बढ़ता जा रहा है। जनवरी 2025 में लगातार दूसरे महीने SIP इनफ्लो 26,000 करोड़ रुपये से ज्यादा रहा। अब सवाल यह उठता है कि बाजार में करेक्शन के दौरान SIP रोक देनी चाहिए या जारी रखनी चाहिए? एक्सपर्ट्स का मानना है कि बाजार में गिरावट को एक अवसर के रूप में देखना चाहिए, क्योंकि लंबी अवधि में यह फायदेमंद साबित हो सकता है।

बाजार में गिरावट, लेकिन SIP निवेशक डटे हुए हैं

सितंबर 2024 में Nifty50 अपने अब तक के सबसे ऊंचे स्तर 26,277 पर था। मगर उसके बाद से इसमें 12.29% की गिरावट आ चुकी है। मिड-कैप और स्मॉल-कैप निवेशकों को और ज्यादा झटका लगा है – Nifty Midcap100 में 16% और Nifty Smallcap100 में 18% की गिरावट आई है।

फिर भी, SIP निवेशकों का हौसला नहीं डगमगाया। जनवरी 2025 में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में ₹39,688 करोड़ का निवेश हुआ। यह 2024 के औसत से ज्यादा है, हालांकि दिसंबर 2024 की तुलना में इसमें 3.6% की गिरावट आई है।

सबसे दिलचस्प बात यह है कि स्मॉल-कैप फंड्स में ₹5,721 करोड़ का निवेश आया, जो दिसंबर की तुलना में 22% ज्यादा है। वहीं, मिड-कैप फंड्स में ₹5,148 करोड़ का निवेश हुआ, जो बीते महीने के ₹5,093 करोड़ से थोड़ा अधिक है।

Source: AMFI

बाजार की गिरावट = सस्ता खरीदने का मौका

विशेषज्ञ कह रहे हैं कि SIP निवेशकों के लिए ये गिरावट कोई बुरी खबर नहीं, बल्कि “शानदार मौका” है। SIP का असली फायदा तभी मिलता है जब बाजार नीचे जाता है, क्योंकि इससे आप कम दाम पर ज्यादा यूनिट्स खरीद सकते हैं। इसे “रुपी कॉस्ट एवरेजिंग” कहते हैं, जिससे लंबे समय में बढ़िया रिटर्न मिलता है।

ITI म्यूचुअल फंड के CIO, राजेश भाटिया का कहना है, “भारत का बाजार लंबी रेस का घोड़ा है। मिड- और स्मॉल-कैप सेक्टर का भविष्य दमदार है। गिरावट के समय SIP जारी रखना फायदेमंद रहेगा, क्योंकि आप ज्यादा यूनिट्स जमा कर पाएंगे।”

उनका मानना है कि जब बाजार रिकवर होगा, तो SIP निवेशकों को “कैपिटल ग्रोथ” का शानदार फायदा मिलेगा।

लंबे समय तक बने रहना फायदेमंद

एडलवाइस म्यूचुअल फंड की रिपोर्ट बताती है कि अगर एक साल की SIP रिटर्न निगेटिव भी हो, तो घबराने की जरूरत नहीं। लंबे समय तक निवेश जारी रखने से नुकसान की भरपाई तो होगी ही, बल्कि तगड़ा मुनाफा भी मिल सकता है।

(नोट: इसमें Edelweiss Mid Cap Fund के रेगुलर ग्रोथ ऑप्शन की परफॉर्मेंस दिखाई गई है। SIP रिटर्न का आंकड़ा हर महीने के पहले वर्किंग दिन पर ₹10,000 के मासिक निवेश के आधार पर दिया गया है। यह जानकारी एडलवाइस म्यूचुअल फंड की रिपोर्ट पर आधारित है।)

रिपोर्ट के मुताबिक, जब बाजार महंगे स्तर पर होता है और SIP निवेश जारी रखा जाता है, तो 3, 5 और 10 साल की अवधि में अच्छे रिटर्न मिलते हैं। गिरावट के समय SIP जारी रखने से रुपी कॉस्ट एवरेजिंग का जबरदस्त फायदा मिलता है।

विदेशी निवेशकों की बिकवाली से गिरावट, लेकिन चिंता की बात नहीं

रेलीगेयर ब्रोकिंग के CEO, गुरप्रीत सिदाना का कहना है कि इस बार की गिरावट की एक बड़ी वजह विदेशी निवेशकों (FII) की बिकवाली है। ग्लोबल अनिश्चितताओं की वजह से मिड- और स्मॉल-कैप शेयरों में ज्यादा गिरावट आई है।
लेकिन उनका कहना है कि मिड- और स्मॉल-कैप शेयरों में गिरावट नई बात नहीं है। इतिहास गवाह है कि ये शेयर गिरने के बाद मजबूती से वापसी करते हैं। उनका सुझाव है कि निवेशकों को अपने फंड की मजबूती पर ध्यान देना चाहिए, अपने फाइनेंशियल गोल्स को समझकर डिसिप्लिन के साथ SIP जारी रखनी चाहिए।

बीपीएन फिनकैप के डायरेक्टर एके निगम का कहना है, मार्केट करेक्शन के दौरान SIP को लेकर पैनिक होने या जल्दबाजी में रोकने या बंद करने की बजाय से जारी रखना चाहिए। बाजार में गिरावट को एसआईपी के लिए एक अवसर के रूप में देखना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि यह कम कीमत पर निवेश करने का अवसर है। यानी, निवेशकों को रुपी कॉस्ट एवरेजिंग का फायदा मिलेगा। SIP खासकर लंबी अव धि में वेल्थ क्रिएशन का एक अच्छा ऑप्शन है।

First Published : February 13, 2025 | 3:47 PM IST