भारत द्वारा बांग्लादेश के राष्ट्रपिता शेख मुजीबुर रहमान को दिया गया 2020 का गांधी शांति पुरस्कार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को उनकी बेटियों-प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनकी छोटी बहन रेहाना-को प्रदान किया। देश की आजादी की स्वर्ण जयंती और ‘बंगबंधु’ शेख मुजीबुर रहमान की जन्मशती पर आयोजित समारोह में हिस्सा लेने और शेख हसीना से वार्ता के लिए मोदी बांग्लादेश के दो दिवसीय दौरे पर हैं। ढाका के नैशनल परेड स्क्वायर पर 50वें राष्ट्रीय दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि मुजीबुर रहमान को गांधी शांति पुरस्कार देना भारत के लिए सम्मान की बात है। बांग्लादेश के राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि के तौर पर मोदी ने ‘मुजीब जैकेट’ पहन रखी थी और कहा कि बंगबंधु के नेतृत्व व बहादुरी ने यह सुनिश्चित किया कि कोई भी ताकत बांग्लादेश को गुलाम नहीं बना सकती।
मोदी ने कहा, ‘यह मेरे जीवन के सबसे यादगार दिनों में से एक है। मैं शुक्रगुजार हूं कि बांग्लादेश ने मुझे इस आयोजन में शामिल किया। मैं आभारी हूं कि बांग्लादेश ने भारत को इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया। यह हमारे लिये गर्व की बात है कि हमें शेख मुजीबुर रहमान को गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित करने का मौका मिला।’ उन्होंने पुरस्कार, एक प्रशस्ति-पत्र और एक फलक तथा शाल प्रधानमंत्री शेख हसीना की मौजूदगी में शेख रेहाना को प्रदान किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, ‘हमारे उपमहाद्वीप के सबसे महान नेताओं में से एक। बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान को 2020 का गांधी शांति पुरस्कार दिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधी शांति पुरस्कार प्रधानमंत्री शेख हसीना और शेख रेहाना को दिया।’ हसीना ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी और भारत सरकार को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार उनके पिता को प्रदान करने के लिये आभार व्यक्त किया। भारत सरकार ने महात्मा गांधी की 125वीं जयंती के मौके पर 1995 में वार्षिक गांधी शांति पुरस्कार देना शुरू किया था। यह पहला मौका है जब किसी को मरणोपरांत यह पुरस्कार दिया गया है। पुरस्कार के तहत एक करोड़ रुपये, प्रशस्ति पत्र, एक फलक और शॉल दी जाती है।
स्वतंत्रता सेनानियों को दी श्रद्धांजलि
मोदी ने सावर स्थित राष्ट्रीय शहीद स्मारक का दौरा किया और 1971 में बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई के शहीदों को श्रद्धांजलि दी। मोदी ने वहां आगंतुक पुस्तिका पर अपने संदेश में लिखा, ‘बांग्लादेश के देशभक्त शहीदों को मैं दिल से श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिनके महान बलिदान से इस महान राष्ट्र का उदय हुआ। यहां आने वाला हर व्यक्ति इन शहीदों की याद को नमन करेगा। उनका पराक्रम भावी पीढ़ी को अन्याय के खिलाफ लडऩे और सही का साथ देने के लिए प्रेरित करता रहेगा।’