बैंक ऑफ इंगलैंड खोलेगा पिटारा

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 10:41 PM IST

बैंक ऑफ इंगलैंड सोमवार को ऋण बाजार को मदद पहुंचाने के लिए एक योजना की घोषणा करेगी। इस योजना के तहत मॉर्गेज समर्थित प्रतिभूतियों के एवज में सरकारी बांड्स जारी किए जाएंगे।


बीओई के पूर्व नीतिनिर्माता विलेम ब्यूटर ने इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन के बैंकों को संकट से उबारने के लिए जरूरी है कि केंद्रीय बैंक कदम उठाए।ब्यूटर ने कहा कि साख बाजार के चलते ब्रिटेन के बैंकों पर जो मार पड़ी है उसे दूर करने के लिए केंद्रीय बैंक (बैंक ऑफ इंगलैंड) को 100 अरब पाउंड (200 अरब डॉलर) की सहायता राशि देनी पड़ेगी।


ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि केंद्रीय बैंक, वित्त विभाग और प्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राउन अगले हफ्ते मॉर्गेज समर्थित प्रतिभूतियों को बदलने के लिए किसी योजना का खुलासा कर सकते हैं।


ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन ने खुलासा किया था कि ऐसी प्रतिभूतियों की कुल लागत करीब 50 अरब पाउंड के करीब होगी, जिसे सरकारी बांड्स से बदलने की योजना पर विचार चल रहा है। ब्रिटेन को मंदी की गिरफ्त से दूर रखने के लिए ही केंद्रीय बैंक गत वर्ष दिसंबर के बाद से ब्याज दरों में तीन दफा कटौती कर चुका है, हालांकि उसके बाद भी बैंक ऋण देने से कतरा रहे हैं और साथ ही मॉर्गेज ऋणों की दर भी बढ़ा दी गई है।


ब्यूटर ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘केंद्रीय बैंक को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना ही होगा। भले ही एक बार में काफी बड़ी रकम भले ही न दी जाए, पर धीरे धीरे कदम उठाना जरूरी है, अगर बैंकों को तरलता के संकट से उबारना है तो। ‘ ब्यूटर केंद्रीय बैंक के ब्याज दर निर्धारण करने वाले पैनल का हिस्सा वर्ष 1997 से 2000 तक रहे हैं। उन्होंने कहा कि बैंक ऑफ इंगलैंड(बीओई) को कम से कम 100 अरब डॉलर की सहायता देनी होगी।


लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर ब्यूटर ने कहा कि इस योजना की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि कितनी बड़ी सहायता राशि का इंतजाम किया जाता है। उन्होंने कहा कि बैंकों के बैलेंस शीट में मॉर्गेज समर्थित प्रतिभूतियों की वजह से तस्वीर बिगड़ चुकी है, यही वजह है कि बैंक आगे ऋण देने से कतरा रहे हैं।


गौरतलब है कि पिछले महीने अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने भी देश में बैंकों को तरलता की कमी से कुछ राहत दिलाने के लिए 200 अरब डॉलर उपलब्ध कराए थे। इस पैकेज के अलावा बैंकों को केंद्रीय बैंक से आसानी से ऋण उपलब्ध हो, इसके भी इंतजामात किए गए थे। बीबीसी के अनुसार इस मॉर्गेज राहत योजना के तहत उन सरकारी बांडों को भी शामिल किया गया है जिनकी मेच्युरिटी की अवधि एक साल तक की है। यह भी संभावना है कि इसे आगे बढ़ाकर तीन साल कर दिया जाए।


अगर केंद्रीय बैंक बैंकों को सहायता राशि देने को तैयार हो जाता है तो इससे बैंकों को लंबी अवधि के ऋण उपलब्ध कराने में खासी सहूलियत हो जाएगी।ब्रिटेन के वित्त विभाग के अधिकारी एलिस्टेयर डार्लिंग ने कहा कि इस योजना पर काम जारी है और सबसे महत्वपूर्ण यह सुनिश्चित करना है कि द्वितीय बाजार में हो रहा काम पटरी पर आ जाए।


बैंकों को मदद की दरकार


केंद्रीय बैंक से 200 अरब पाउंड के पैकेज की मांग
मॉर्गेज समर्थित प्रतिभूतियों के बदले में सरकारी बांड्स
मॉर्गेज प्रतिभूतियों का मूल्य 50 अरब पाउंड के करीब
बैंकों को तरलता की कमी से उबारने की दरकार

First Published : April 20, 2008 | 10:37 PM IST