बागबां के अंदाज-ए-बयां से लौटी बहार

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 08, 2022 | 12:01 AM IST

बाजार खुलने के कुछ मिनट पहले वित्त मंत्री पी.चिदंबरम ने बाजार में नकदी का प्रवाह बढ़ाने के लिए और अधिक कदम उठाने का एक बार फिर वादा किया।


और निवेशकों को सलाह दी कि वे हड़बड़ी में या आतंकित होकर कोई कदम न उठाएं। उनके इस बयान का बाजार पर सकारात्मक असर देखने को मिला और पांच दिन की लगातार गिरावट से बैक गियर लेते हुए यह 495 अंकों की बढ़ोतरी के साथ खुला।

हालांकि उनका यह भी कहना था कि शेयर बाजार के सूचकांक भले ही महत्वपूर्ण संकेतक हों लेकिन वे भारतीय अर्थव्यवस्था की सेहत के संकेतक नहीं हैं। गौरतलब है कि वित्तमंत्री ने अपना वॉशिंगटन का दौरा भी रद्द कर दिया ताकि वह यहां निगरानी और परामर्श के लिए उपलब्ध रह सकें।

वित्त मंत्री ने कहा- यदि अर्थव्यवस्था के सभी घटक भरोसा रखें और सोच-समझ कर फैसला करें तो मुझे कोई संदेह नहीं है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मौजूदा तूफान से बच निकलेगी और पहले से ज्यादा मजबूत बनकर उभरेगी। मैंने पिछले दो दिनों में गवर्नर, आरबीआई और सेबी के अध्यक्ष से बातचीत की। मैं खुश हूं कि जमाकर्ताओं का हमारी बैंकिंग प्रणाली पर भरोसा बरकरार है।

फिर भी यह पाया गया है कि नकदी अपर्याप्त है और इसलिए ऋणदाता जोखिम लेने के लिए तैयार नहीं हैं। कुछ ऋणदाताओं और निवेशकों को भुगतान के दबाव का सामना करना पड़ रहा है, जिसके कारण परिसंपत्तियों और विशेष तौर पर शेयरों की बिकवाली की जा रही है। वित्तीय प्रणाली में पर्याप्त नकदी प्रवाह बढ़ाकर इस समस्या से उबरा जा सकता है। 

उन्होंने कहा -हमारे बैंक ऋण मुहैया कराने के लिए तैयार और इच्छुक हैं। बैंकों को उचित परामर्श जारी किया जा रहा है। हम जरूरत के मुताबिक तेजी से कार्रवाई करेंगे। हम ऐसे उपाय कर रहे हैं जिनसे नकदी बढ़ेगी, ऋण प्रबंधन आसान होगा और जमाकर्ताओं एवं निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा। हमें उम्मीद है कि इनकी घोषणा हम जल्दी ही कर पाएंगे।

चिदंबरम ने उम्मीद जताई कि बाजार ऑस्ट्रेलियाई बाजार और तीन पूर्वी एशियाई देशों के पूंजी बाजारों के सकारात्मक घटनाक्रमों से संकेत ग्रहण करेगा, जिनमें भी सोमवार को तेजी देखने को मिली। चिदंबरम ने कहा- हमें भरोसा रखना चाहिए और शांत होकर और परिपक्व तरीके से काम करना चाहिए। निवेशकों को सोच-समझ कर फैसला लेना चाहिए।

बेचने से पहले आपको जरूर याद रखना चाहिए कि सभी बिकवाल के लिए एक खरीदार है। आपको अपने आप से पूछना चाहिए कि इस अनिश्चितत समझे जा रहे वक्त में कोई खरीद क्यों रहा है। आपको यह भी पूछना चाहिए कि क्या हड़बड़ी या आतंकित होने की जरूरत है। मेरे विचार से हड़बड़ी करने या आतंकित होने की कोई वजह नहीं है।

चिदंबरम ने याद दिलाया कि आरबीआई ने अतिरिक्त 60, 000 करोड़ रुपये वित्तीय प्रणाली में जारी करने के लिए कदम उठाए हैं और 10 अक्टूबर की स्थिति के अनुसार 91, 500 करोड़ रुपये की नकदी समायोजन सुविधा मौजूद है।

आरबीआई और सेबी स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और अपने कदम को समन्वित कर रहे हैं। यही नहीं, वित्त सचिव अरुण रामनाथन की अध्यक्षता वाली बैंकरों और विशेषज्ञों की उच्च शक्ति प्राप्त समिति नकदी की जरूरत का आकलन करने के लिए विचार-विमर्श कर रही है।

बोले चिदंबरम

हड़बड़ी में या आतंकित होकर कदम न उठाएं निवेशक
हमारे बैंक ऋण मुहैया कराने के लिए तैयार और इच्छुक हैं। हम जरूरत पर तेजी से कार्रवाई करेंगे।
हम ऐसे उपाय कर रहे हैं जिनसे नकदी बढ़ेगी, ऋण प्रबंधन आसान होगा और जमाकर्ताओं एवं निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा।
बेचने से पहले आपको जरूर याद रखना चाहिए कि सभी बिकवाल के लिए एक खरीदार है। आपको अपने आप से पूछना चाहिए कि इस अनिश्चित समझे जा रहे वक्त में कोई खरीद क्यों रहा है।
यदि अर्थव्यवस्था के सभी घटक भरोसा रखें और सोच-समझ कर फैसला करें तो मुझे कोई संदेह नहीं है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मौजूदा तूफान से बच निकलेगी।

और सीआरआर कटौती की उम्मीद

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) ने नकद आरक्षी अनुपात (सीआरआर) में और अधिक कटौती का समर्थन किया और कहा कि कोशिश आर्थिक विकास दर बढ़ाने की होनी चाहिए। पीएमईएसी के अध्यक्ष सुरेश तेंदुलकर ने पीटीआई से कहा – मुझे उम्मीद है कि नकदी बढ़ाने के लिए सीआरआर और सांविधिकनकद अनुपात (एसएलआर) में कटौती जैसे कदम उठाए जा सकते हैं। महंगाई की दरों में नरमी दिख रही है इसलिए नीतियां अब धीरे-धीरे विकास की ओर बढ़नी चाहिए।

First Published : October 14, 2008 | 2:12 AM IST