अर्थव्यवस्था

नए दौर के व्यापार पर बात करेंगे भारत और अमेरिका

Published by
श्रेया नंदी
Last Updated- January 13, 2023 | 2:23 PM IST

भारत और अमेरिका ने ट्रेड पॉलिसी फोरम (टीपीएफ) के तहत ‘लचीले व्यापार’ पर कार्यसमूह गठित करने का फैसला किया है। इस कार्यसमूह में दोनों देश शुरुआत में नए दौर के व्यापार के मसलों जैसे पर्यावरण संरक्षण, श्रमिकों के अधिकारों के संरक्षण और सतत जीवनशैली पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
इसके अलावा सीमा शुल्क की प्रक्रिया के डिजिटलीकरण, अहम क्षेत्रों में वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने जैसे विषयों पर भी चर्चा होगी, जिससे दोनों देशों को मौजूदा और भविष्य की वैश्विक चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और यूएस ट्रेड रिप्रजेंटेटिव (यूएसटीआर) कैथरिन ताई की सह अध्यक्षता में वाशिंगटन में आयोजित 13वें टीपीएफ के संयुक्त बयान में यह कहा गया है। टीपीएफ का मकसद भारत और उसके सबसे बड़े निर्यात बाजार और कारोबारी साझेदार अमेरिका के बीच व्यापार और निवेश से जुड़े मसलों को सुलझाना है। अप्रैल-अटूबर के बीच दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वाणिज्यिक व्यापार 77.25 अरब डॉलर रहा है।

मंत्रिस्तरीय बैठक के दौरान भारत ने अमेरिका के जनरलाइज्ड सिस्टम आफ प्रेफरेंस (जीपीएस) कार्यक्रम के तहत लाभार्थी का दर्जा बहाल करने में दिलचस्पी दिखाई है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि अमेरिका ने पाया कि इस पर विचार किया जा सकता है। गोयल ने कहा कि भारत ने अमेरिका से जीएसपी बहाल करने का अनुरोध किया है, लेकिन सरकार को भारतीय उद्योग की ओर से इस मसले पर ध्यान देने को लेकर कोई जोर नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘यह ऐसा मसला है, जिस पर संभवतः कांग्रेस विचार करेगी। हमने इस पर चर्चा करने में बहुत वक्त लगाया है।’

2019 में अमेरिका ने भारत को जीएसपी योजना से बाहर कर दिया था। इसमें विकासशील देशों के साथ विशेष व्यापारिक व्यवहार की व्यवस्था है। भारत की ओर से व्यापारिक बाधाएं पैदा करने का आरोप लगाते हुए अमेरिका ने यह फैसला किया था। 2018 में भारत जीएसपी का सबसे बड़ा लाभार्थी था। अमेरिका द्वारा भारत से किए गए कुल आयात में 10 प्रतिशत से ज्यादा इस योजना के तहत शुल्क मुक्त होता था। अमेरिका के इस कदम के बाद भारत ने अमेरिका पर शुल्क बढ़ा दिया था, जब अमेरिका ने विश्व व्यापार संगठन में विवाद ले जाने का फैसला किया था।

गोयल ने आगे कहा कि दोनों पक्षों ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया है कि इस दिशा में अगले 2-3 महीने तक आक्रामक तरीके से काम करें और डब्ल्यूटीओ में लंबित विवाद का कुछ द्विपक्षीय समाधान निकल सके। उन्होंने कहा, ‘ये विवाद ऐसे क्षेत्र हैं, जहां दोनों देशों को कुछ फायदा होगा, कुछ गंवाना होगा। हमने अपने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बहुत आक्रामक रूप से इस दिशा में काम करें। अगले 2-3 महीने में हम डब्ल्यूटीओ में चल रहे कुछ विवादों का समाधान कर सकते हैं।’

First Published : January 13, 2023 | 2:05 PM IST