श्रेय इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनैंस ने चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के लिए 3,810.93 करोड़ रुपये का समेकित शुद्ध घाटा दर्ज किया है। प्रावधान एवं आकस्मिक मद के अधिक रकम अलग किए जाने के कारण कंपनी का प्रदर्शन प्रभावित हुआ। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी ने 60 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया था। सितंबर में समाप्त तिमाही के दौरान कंपनी ने 4.72 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया था। हाल में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा की गई कंपनी और उसकी सहायक इकाई श्रेय इक्विपमेंट फाइनैंस की विशेष ऑडिट के बाद प्रावधान में वृद्धि हुई।
तिमाही के दौरान कंपनी की कुल समेकित आय घटकर 484.35 करोड़ रुपये रह गई जो एक साल पहले की समान तिमाही में 1,418.20 करोड़ रुपये रही थी। इस दौरान कंपनी की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) घटकर 41,298 करोड़ रुपये रह गईं जो एक साल पहले की समान तिमाही में 45,157 करोड़ रुपये रही थीं।
कंपनी के चेयरमैन हेमंत कनोडिय़ा ने कहा कि चालू वित्त वर्ष कंपनी के लिए तीन दशक से अधिक के उसके इतिहास में सबसे अधिक चुनौतीपूर्ण वर्ष रहा है। उन्होंने कहा, ‘एनबीएफसी क्षेत्र में ऋण की कमी के साथ-साथ कोविड-19 के कारण पैदा हुए दबाव ने एक अभूतपूर्व परिस्थिति पैदा कर दी। किसी ने भी इसका अंदाजा नहीं लगाया था। मौजूदा परिचालन माहौल को ध्यान में रखते हुए हमने प्रावधान मद में रकम बढ़ाने का निर्णय लिया है।’ कनोरिया ने यह भी कहा कि कंपनी ने सभी लेनदारों को एक व्यवस्थित रूप से भुगतान करने के लिए हाल में नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) का रुख किया था। श्रेय ने हाल में ब्याज भुगतान और गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर को भुनाने का निर्णय लिया और ट्रिब्यूनल से मोहलत हासिल की। कनोरिया ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि सरकार के लेनदारों, रेटिंग एजेंसियों, नियामकों और अन्य एजेंसियों के समर्थन के साथ कंपनी देनदारी संबंधी अपने दायित्व को पूरा कर सकती है और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में देश की सेवा जारी रख सकती है।’
एफपीआई का निवेश 22,038 करोड़ रुपये
केंद्रीय बजट में सुधारवादी कदमों की घोषणा से शेयर बाजार में जबरदस्त उत्साह है और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने फरवरी में अब तक भारतीय बाजारों में 22,038 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, इस दौरान विदेशी निवेशकों ने शेयरों में 20,593 करोड़ रुपये और ऋणपत्रों में 1,445 करोड़ रुपये लगाए हैं। इस तरह एक फरवरी से 12 फरवरी के दौरान शुद्ध निवेश 22,038 करोड़ रुपये रहा। जनवरी में एफपीआई ने 14,649 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था। मॉर्निगस्टार इंडिया के सहायक निदेशक (प्रबंधक शोध) हिमांशु श्रीवास्तव ने इसके लिए फरवरी में केंद्रीय बजट के बाद शेयर बाजारों में बनी सकारात्मक धारणा को जिम्मेदार बताया। अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के बजट में सरकार के प्रयासों को निवेशकों ने सराहा है। जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा कि अभी निवेश में क्षेत्र की अदला-बदली हो रही है। भाषा