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गूगल ने पेश की दूसरी पारदर्शिता रिपोर्ट

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 2:16 AM IST

भारत में गूगल ने मई और जून में प्राप्त शिकायतों के आधार पर 15 लाख से अधिक सामग्री को हटाया है। इनमें से 99 प्रतिशत से अधिक सामग्री कॉपीराइट से संबंधित थी। इंटरनेट की इस दिग्गज कंपनी ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत नए मध्यस्थ नियमों के अंतर्गत अपनी पारदर्शिता रिपोर्ट में यह जानकारी दी है।
रिपोर्ट में दिए गए विवरण के अनुसार गूगल को मई 2021 में 34,883 और जून 2021 में 36,265 शिकायतें मिली थीं। कॉपीराइट के मसलों की वजह से सामग्री हटाए जाने की कार्रवाई की गई थी। मई में 98.9 प्रतिशत (71,132) और जून में 99.3 प्रतिशत (83,613) सामग्री इसी वजह से हटाई गई थी। इसके अलावा ट्रेडमार्क के मसले मई में 1.1 प्रतिशत और जून में 0.6 प्रतिशत सामग्री हटाए जाने की वजह रहे। कॉपीराइट के मसलों में यूएस डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट ऐक्ट (डीएमसीए) जैसे चेतावनी और हटाए जाने के कानून के अंतर्गत प्राप्त कॉपीराइट के कथित उल्लंघन से संबंधित अनुरोध शामिल थे। ट्रेडमार्क संबंधित अनुरोध ट्रेडमार्क के उल्लंघन और दुरुपयोग के दावों से संबंधित हैं।
इससे पहले गूगल बता चुका है कि किसी निश्चित शिकायत में प्रत्येक अलग यूआरएल को एक व्यक्तिगत ‘आइटम’ माना जाता है। किसी एक ही शिकायत में ऐसें कई आइटम का विवरण दिया जा सकता है, जो संभावित रूप से एक ही या अलग-अलग सामग्री से संबंधित हों।
सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थों और डिजिटल मीडिया आचार संहिता के लिए दिशानिर्देश) नियम (आईटी नियम), 2021 के अनुसार भारत में उपयोगकर्ताओं से प्राप्त शिकायतों तथा गूगल के उन प्लेटफॉर्मों पर की गई कार्रवाइयों का विवरण शामिल रहता है, जिन्हें इन नियमों के तहत महत्त्वपूर्ण सोशल मीडिया मध्यस्थों के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
25 फरवरी को अधिसूचित आईटी नियमों में महत्त्वपूर्ण सोशल मीडिया मध्यस्थों या 50 लाख से अधिक उपयोगकर्ताओं वाले मध्यस्थों को हर महीने अनुपालन रिपोर्ट प्रकाशित करने के लिए कहा गया है, जिसमें प्राप्त की गई शिकायतों और उन पर की गई कार्रवाई का विवरण हो। इनमें मध्यस्थ द्वारा हटाए गए या अवरुद्ध किए गए विशिष्ट संचार लिंक की संख्या या जानकारी का विवरण या अन्य प्रासंगिक जानकारी भी शामिल होती है। ये नियम 26 मई से लागू हो गए हैं।
स्वचालित पहचान के परिणामस्वरूप हटाए जाने की कार्रवाइयों की संख्या मई में 6,34,357 और जून में 5,26,866 थी। गूगल के अनुसार ये आंकड़े उसके एसएसएमआई प्लेटफॉर्मों पर हटाए जाने वाली उन कार्रवाइयों के बारे में बताते हैं, जो बाल यौन शोषण सामग्री और हिंसक चरमपंथी सामग्री जैसी हानिकारक सामग्री का प्रसार रोकने के लिए हमारे कुछ उत्पादों की खातिर स्वचालित पहचान प्रक्रियाओं का उपयोग करते हुई की गई हैं। हमारे समुदाय दिशानिर्देशों और सामग्री नीतियों का उल्लंघन करने वाली सामग्री को तुरंत हटाने, सामग्री को प्रतिबंधित करने (उदाहरण के लिए आयु-प्रतिबंध वाली ऐसी सामग्री जो शायद सभी ऑडियंस के लिए उपयुक्त न हो) या जब कोई सामग्री हमारे दिशानिर्देशों अथवा नीतियों का उल्लंघन नहीं करती है, तो उसे ज्यों का त्यों छोडऩे के लिए हम गोपनीयता और उपयोगकर्ता सुरक्षा को संतुलित करते हैं।
गूगल ने इस रिपोर्ट में कहा है कि जब हमें अलग-अलग उपयोगकर्ताओं से कथित तौर पर गैरकानूनी या हानिकारक सामग्री के संबंध में शिकायतें मिलती हैं, तो हम यह निर्धारित करने के लिए शिकायत की समीक्षा करते हैं कि क्या वह सामग्री हमारे समुदाय दिशानिर्देशों या सामग्री नीतियों का उल्लंघन करती है अथवा स्थानीय कानून के अनुसार हटाने की अपेक्षा है। हालांकि अधिकांश प्रौद्योगिकी कंपनियां वार्षिक या द्वि-वार्षिक पारदर्शिता रिपोर्ट प्रकाशित करती हैं, लेकिन नए नियमों के तहत गूगल, ट्विटर, फेसबुक और शेयरचैट, कू, चिंगारी जैसी भारतीय कंपनियों को मासिक आधार पर अनुपालन रिपोर्ट प्रकाशित करनी होगी।

First Published : July 30, 2021 | 11:29 PM IST