वित्त-बीमा

SBI से लोन लेना होगा महंगा, MCLR में 0.10% तक का इजाफा

SBI ने अलग-अलग अवधि के लोन के लिए MCLR दर में थोड़ा इजाफा किया है।

Published by
अभिजित लेले   
Last Updated- July 15, 2024 | 3:54 PM IST

भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने सोमवार से अपने लोन को थोड़ा महंगा कर दिया है। बैंक ने लोन देते समय लागत को ध्यान में रखने वाली ब्याज दर (MCLR) में 0.05% से 0.10% तक की बढ़ोतरी की है। ज्यादातर कंपनियों और छोटे कारोबारों (SME) को दिए जाने वाले लोन इसी MCLR दर पर आधारित होते हैं। बैंक ने अपनी लागत बढ़ने के कारण यह कदम उठाया है।

एसबीआई ने अलग-अलग अवधि के लोन के लिए एमसीएलआर दर में थोड़ा इजाफा किया है। एक महीने के लिए ली जाने वाली लोन की एमसीएलआर दर 0.05% बढ़कर 8.35% हो गई है। वहीं, एक साल के लिए लोन लेने पर आपको 0.10% की बढ़ोतरी के साथ 8.85% और तीन साल के लिए 9% एमसीएलआर दर देनी होगी।

बैंक का कहना है कि यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि बैंक को होने वाले खर्च में बढ़ोतरी का बोझ ग्राहकों पर भी थोड़ा बंट जाए। उन्होंने आगे कहा, बैंक एक बार में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी ना करके धीरे-धीरे एमसीएलआर दर बढ़ा रहा है। आने वाले समय में बाजार के हालात के हिसाब से एमसीएलआर दर में और 0.10% तक की बढ़ोतरी हो सकती है।

एसबीआई को मार्च 2023 की तुलना में मार्च 2024 में डिपॉजिट राशि पर ज्यादा ब्याज देना पड़ा। मार्च 2023 में यह दर 3.99% थी जो मार्च 2024 में बढ़कर 4.81% हो गई। नतीजतन, बैंक का शुद्ध ब्याज मार्जिन (NIM) भी घटा है। मार्च 2023 में यह 3.58% था जो मार्च 2024 में घटकर 3.43% हो गया।

रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) की जून बुलेटिन में जारी ‘आर्थिक स्थिति’ रिपोर्ट के अनुसार, मई 2022 से रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद बैंकों ने लोन की ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। मई 2022 से मई 2024 के दौरान बैंकों की एक साल की MCLR दर में 175 आधार अंकों का इजाफा हुआ है। MCLR दर वह दर होती है जिसे आधार मानकर बैंक लोन पर ब्याज तय करते हैं। दिसंबर 2023 के अंत तक भारत में शेड्यूल कमर्शियल बैंकों के कुल लोन में से 39.4 प्रतिशत लोन MCLR दर से जुड़े हुए थे।

First Published : July 15, 2024 | 3:54 PM IST