वित्त-बीमा

जान बूझकर कर्ज नहीं चुकाने वालों को 5 साल बाद मिलेगा कर्ज

बैंक जान बूझकर कर्ज नहीं चुकाने वालों को निपटान के पांच साल बाद कर्ज दे पाएंगे। इसके अलावा कर्ज पुनर्गठन की अनुमति तभी दी जाएगी जब प्रवर्तकों में बदलाव होगा।

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मनोजित साहा   
Last Updated- June 15, 2023 | 11:42 PM IST

बैंक जान बूझकर कर्ज नहीं चुकाने वालों को निपटान के पांच साल बाद कर्ज दे पाएंगे। इसके अलावा कर्ज पुनर्गठन की अनुमति तभी दी जाएगी जब प्रवर्तकों में बदलाव होगा। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

8 जून को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इरादतन चूक करने वालों व धोखाधड़ी वाले खातों समेत उधार लेने वालों के मामले में कम्प्रोमाइज सेटलमेंट के लिए परिपत्र जारी किया है। नियामक ने ऐसे सेटलमेंट के लिए बोर्ड से मंजूर नीति अनिवार्य कर दिया है।

इसके अलावा अगर कर्ज लेने वालों को धोखाधड़ी या इरादतन चूक करने वाले के तौर पर वर्गीकृत किया गया है तो कम्प्रोमाइज सेटलमेंट के प्रस्ताव को भी हर मामले में बोर्ड की मंजूरी चाहिए होगी।

सूत्रों ने कहा कि मई 2017 में आरबीआई ने इंडियन बैंक एसोसिएशन को एक पत्र के जरिये कहा था कि बैंक इरादतन चूक करने वालों, धोखाधड़ी वाले ऋणी के साथ कम्प्रोमाइज सेटलमेंट कर सकते हैं। ऐसे मामलों की जांच बोर्ड की प्रबंधन समिति द्व‍ारा की जानी चाहिए।

इसी पत्र ने इरादतन चूक करने वालों व धोखाधड़ी वाले ऋणी को संस्थागत वित्त 5 साल तक पाने से रोक दिया, सूत्रों ने कहा कि यह नियम अपरिवर्तित बना हुआ है।

सूत्रों ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से जून 2019 में जारी समाधान ढांचे में ऐसे खातेदार के कर्ज पुनर्गठन पर रोक लगाई गई है, जब तक कि प्रवर्तक में बदलाव न हो और यह कम्प्रोमाइज सेटलमेंट के संदर्भ में भी लागू है।

First Published : June 15, 2023 | 11:30 PM IST