सरकार के पूंजीगत व्यय की गति पर्याप्त तेज नहीं

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 8:53 PM IST

महामारी और वैश्विक वृहद आर्थिक वजहों सहित कई कारणों से सरकार के पूंजीगत व्यय की गति उतनी तेज नहीं हो पा रही है, जितनी नीति निर्माता चाहते थे। उपलब्ध आंकड़ों व अधिकारियों की राय से यह सामने आया है।
महामारी के पांव पसारने के बाद अप्रैल-जून 2020 में अर्थव्यवस्था सुस्त पड़ गई और केंद्र सरकार ने बुनियादी ढांचे में सार्वजनिक निवेश को आर्थिक रिकवरी का आधार बनाया। वित्त वर्ष 21 वित्त वर्ष 22 के व्यय और और वित्त वर्ष 23 के केंद्र के पूंजीगत आवंटन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। इस पूंजीगत व्यय को 111 लाख करोड़ रुपये के नैशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (एनआईपी) से आधार मिला।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘बुनियादी ढांचे पर ध्यान बना हुआ है। बहरहाल कुछ मसले भी अवशोषण क्षमता को लेकर हैं, जब आप मूल्य शृंखला में जाते हैं।’
अधिकारी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जहां बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए धन तेजी से आवंटित किया जा रहा है, इन परियोजनाओं को लागू करने वाली इकाइयां अब तक उतनी तेजी से नहीं काम कर पाई हैं। अधिकारी ने कहा, ‘यह एक अस्थाई समस्या है। राज्यों, स्थानीय निकायों और निजी ठेकेदारों को इनमें से ज्यादातर परियोजनाओं को लागू करना है और वे इतनी तेजी से खर्च कर पाने में सक्षम नहीं हैं। ऐसे में सुस्ती है। लेकिन अवशोषण क्षमता भी धीरे धीरे तेज होगी।’
अधिकारी ने कहा कि कच्चे माल, बिल्डिंग व निर्माण उपकरणों के आपूर्तिकर्ता भी अपनी क्षमता बढ़ा रहे हैं, जिससे मांग पूरी कर सकें।  राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की ओर से जारी जीडीपी के दूसरे अग्रिम अनुमान के आंकड़ों के मुताबिक  वित्त वर्ष 22 के लिए नॉमिनल सकल नियत पूंजी सृजन (जीएफसीए) 66.98 लाख करोड़ रुपये रहने की संभावना है।
भारतीय स्टेट बैंक के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्यकांति घोष ने कहा, ‘सरकार ने महामारी के बाद से पूंजीगत व्यय में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की है। बहरहाल इस तरह के भारी भरकम व्यय का परिणाम आने में वक्त लग सकता है। वहीं निजी निवेश ने अभी गति पकडऩा शुरू किया है। साथ ही राज्य सरकारें भी इस तरह के केंद्र के व्यय का लाभ लेने में भागीदार बन रही हैं।’  
घोष ने कहा कि मौजूदा युद्ध वृद्धि पर नकारात्मक असर डाल सकता है और एलआईसी के विनिवेश पर भी इसका असर पडऩे की पर्याप्त संभावना है।
 

First Published : March 6, 2022 | 11:53 PM IST