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कैट के बाद की बाधाएं पार करने की तैयारियां

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 09, 2022 | 10:21 PM IST

कैट परीक्षा में सफलता अर्जित करने के बाद अब एमबीए के प्रत्याशी अगली बाधा -गु्रप डिसकशन ऐंड पर्सनल इंटरव्यू (जीडी-पीआई)- को पार करने की तैयारी में लग गए हैं।


भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-दिल्ली (आईआईटी-डी) के अंतिम वर्ष के छात्र और कैट 2008 की लिखित परीक्षा में 100 फीसदी अंक हासिल करने वाले निशांत सिन्हा ने कहा, ‘मैंने कैरियर लॉन्चर से कोचिंग ली और कैट के लिए तैयारी कर रहे अपने दोस्तों के संपर्क में था।

मुझे अच्छे अंक और खासकर 99.9 से भी अधिक अंक हासिल होने और शिलांग को छोड़ कर सभी भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) से कॉल आने की उम्मीद थी।

मैं अपना प्रदर्शन जारी रखना चाहता हूं। यदि मैं फाइनल राउंड में भी सफल रहता हूं तो मैं आईआईएम-अहमदाबाद को ‘ना’ नहीं कह सकता।’

हालांकि सिन्हा आईआईएम में पढ़ाई को लेकर अचल है। वह कहते हैं कि उनका कार्य अनुभव उन्हें एमबीए पर अच्छी तरह से विचार करने के लिए तैयार करेगा। जीडी-पीआई के लिए यह टॉपर अपने दोस्तों के साथ अभ्यास करेगा और तैयारी के लिए उन्हीं कोचिंग कक्षाओं में शामिल होगा।

उनके शब्दों में दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के माफला मुदगल की गूंज सुनाई पड़ रही थी जिसने 99.9 प्रतिशत का स्कोर हासिल किया था और उन्हें आईआईएम-ए के अलावा कलकत्ता, लखनऊ, इंदौर और कोझिकोड के आईआईएम से बुलावा मिला था।

मुदगल ने भी एक संस्थान से प्रशिक्षण लिया था। लेकिन वह कहते हैं, ‘इस समय आईआईएम भी कार्य अनुभव पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।’

भारतीय प्रबंधन संस्थानों में तकरीबन 2,000 सीटों के लिए इस परीक्षा में दो लाख से अधिक छात्रों ने भाग लिया जिनमें से लगभग 24,000 छात्र बेंगलुरु से थे।

इस साल सीटों की संख्या में इजाफा हुआ है, क्योंकि 2009 के शैक्षणिक सत्र से ओबीसी श्रेणी में आरक्षण बढ़ा कर 10 फीसदी कर दिया गया है।

अनुमान है कि तकरीबन 4500 छात्रों को चयन प्रक्रिया के दूसरे चरण के लिए बुलाया जाएगा। शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों को आईआईएम द्वारा संचालित किए जाने वाले जीडी-पीआई में शामिल होने की जरूरत पड़ती है। जीडी-पीआई राउंड फरवरी, 2009 के दूसरे सप्ताह में शुरू होने की संभावना है।

पिछले साल आईआईएम-अहमदाबाद ने जीडी परीक्षा आयोजित नहीं की थी, लेकिन इसके बदले छात्रों को किसी एक विषय पर निबंध लिखने को कहा गया था। कुछ छात्रों के लिए कैट में दो या तीन कोशिशों के बाद यह सफलता हाथ लगी है।

अभिनव कृष्ण मेहता 2006 में एनएसआईटी से पास हुआ और वह दो कोशिशों के बाद कैट में बाजी मारने में सफल रहा। उसे आईआईएम-बी, आई, के और एल से जीडी-पीआई के लिए आमंत्रण मिला।

इसी तरह आईआईटी-डी के पूर्व छात्र को जीडी-पीआई के लिए आईआईएम-बी और एल से आमंत्रण मिला। इसके बाद उन्होंने एक कोचिंग इंस्टीटयूट में दाखिला लेने की योजना बनाई।

ये सभी उम्मीदवार  न सिर्फ जीडी-पीआई में कोचिंग के लिए बल्कि एमबीए डिग्री का ख्वाब पूरा करने के लिए भी एक श्रेष्ठ संस्थान में प्रवेश लेना चाहते हैं।

First Published : January 18, 2009 | 10:48 PM IST