प्रमुख एडटेक कंपनी बैजूस (Byju’s) के ऋणदाताओं ने उसके 1.2 अरब डॉलर के ऋण को पुनर्गठित करने के लिए बातचीत से कदम पीछे खींच लिया है। ब्लूमबर्ग ने सूत्रों के हवाले से यह खबर दी है। खबर में कहा गया है कि यह भारत की सबसे मूल्यवान स्टार्टअप के लिए तगड़ा झटका है।
ऋणदाताओं द्वारा अदालत का रुख किए जाने के बाद इस मुद्दे पर बातचीत खत्म हो गई है। उनका आरोप है कि कंपनी ने 50 करोड़ डॉलर जुटाए मगर उसकी जानकारी नहीं दी। खबर के अनुसार, ऋणदाता अब सावधि ऋण बी के लिए बैजूस की प्रतिभूतियों को बेच सकते हैं। बैजूस को ब्याज 5 जून तक चुकाना है।
सूत्रों के अनुसार, बैजूस के लिए यह एक नई चुनौती है क्योंकि उसने 2026 में देय 1.2 अरब डॉलर के सावधि ऋण पर ब्याज दर बढ़ाकर उसे पुनर्गठित करने का प्रस्ताव दिया था। उन्होंने कहा कि कंपनी यदि अपने नकद भंडार से ब्याज अदा नहीं कर पाती है तो लेनदार उस पर 50 से 80 करोड़ डॉलर की अमेरिकी परिसंपत्तियों को बेचकर आंशिक अदायगी करने का दबाव डाल सकते हैं।
सूत्रों ने अनुसार, बैजूस इस मुद्दे पर बातचीत के लिए सभी लेनदारों से स्वतंत्र तौर पर संपर्क कर सकती है।
इस मामले से अवगत एक व्यक्ति ने कहा, ‘फिलहाल लेनदारों ने कंपनी को अमेरिका की एक अदालत में घसीटा है। इससे स्पष्ट हो चुका है कि वे बातचीत करने के मूड में नहीं हैं।’ सूत्रों के अनुसार, इससे पहले बैजूस द्वारा कथित तौर पर शर्तों का पालन न किए जाने पर लेनदारों ने सलाह-मशविरे के लिए वैश्विक निवेश बैंक हॉलिहान लॉके को नियुक्त किया था।
बैजूस के प्रवक्ता ने आज कहा, ‘उधारी की रकम का हस्तांतरण ऋण समझौते की शर्तों के अनुपालन के साथ किया गया था और उसमें कोई उल्लंघन नहीं हुआ है।’ प्रवक्ता ने कहा, ‘यहां तक कि लेनदारों ने भी यह आरोप नहीं लगाया है कि वह हस्तांतरण अनुबंध की मौजूदा शर्तों के अनुरूप नहीं था।’
बैजूस की अमेरिकी इकाई बैजूस अल्फा के खिलाफ लेनदारों के एक एजेंट ने डेलावेयर की अदालत में याचिका दायर की है। कंपनी पर उन लेनदारों का 1.2 अरब डॉलर बकाया है। दोनों पक्षों के बीच महीनों चली बातचीत के बाद यह खबर सामने आई है। बैजूस अल्फा, टैंजिबल प्ले और राजू रवींद्रन के खिलाफ ग्लास ट्रस्ट कंपनी और निवेशक टिमोथी आर पोल ने यह मुकदमा दायर किया है।
जिन दो कंपनियों पर मुकदमा किया गया है वे बैजू रवींद्रन द्वारा स्थापित एडटेक फर्म थिंक ऐंड लर्न प्राइवेट की इकाइयां हैं। लेनदारों ने बैजूस की इन कंपनियों पर 50 करोड़ डॉलर छिपाने का आरोप लगाया है।
बैजूस ने हाल में कहा था कि डेलावेयर की अदालत ने एक अंतरिम आदेश के तहत बैजूस अल्फा के मामले यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया था। बैजूस अमेरिकी निवेश फर्म डेविडसन केम्पनर कैपिटल मैनेजमेंट से 25 करोड़ डॉलर यानी करीब 2,000 करोड़ रुपये जुटा रही है। इस मामले से अवगत लोगों ने यह जानकारी दी।
अमेरिकी ऐसेट मैनेजर ब्लैकरॉक ने एक बार फिर बैजूस में अपनी हिस्सेदारी के लिए मूल्यांकन को घटाकर करीब 8.4 अरब डॉलर कर दिया है।