आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू | फाइल फोटो
आंध्र प्रदेश सरकार का लक्ष्य अगले एक दशक में एक लाख करोड़ डॉलर निवेश जुटाने का है। इसमें कंपनियों के लिए रकम जुटाने में लालफीताशाही खत्म करने वास्ते एस्क्रो खाता जैसे कदम भी शामिल हैं। राज्य सरकार ने शुक्रवार को यह कहा है।
विशाखापत्तनम में आयोजित 30वें सीआईआई साझेदारी सम्मेलन में सरकार ने कहा कि राज्य के नवाचार प्रयासों में दो वर्षों में भारत की पहली ड्रोन टैक्सी पेश करने की योजना शामिल है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि आंध्र प्रदेश निवेशकों के वास्ते एस्क्रो खासा प्रणाली पेश करना वाला पहला राज्य बनेगा। उन्होंने कहा, ‘आपके समझौता करते ही एस्क्रो खाता खुद से बन जाएगा और बैंक के जरिये उसी वक्त रकम जारी कर दी जाएगी। आपको किसी अधिकारी या निवेशक से संपर्क करने की जरूरत नहीं होगी। जरूरत पड़ने पर हम सॉवरिन गारंटी देने के लिए भी तैयार हैं।’
आंध्र यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में आयोजित 72 देशों के सम्मेलन के प्रतिनिधियों से नायडू ने कहा कि भारत की पहली ड्रोन टैक्सी अगले दो वर्षों में आंध्र प्रदेश में पेश की जाएगी। परियोजना का विवरण अभी स्पष्ट नहीं है।
पिछले 18 महीनों में आंध्र प्रदेश को 20 अरब डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धताएं मिली हैं, जिनसे 20 लाख रोजगार के अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि नया लक्ष्य तीन वर्षों में 500 अरब डॉलर के निवेश का है जिससे 50 लाख रोजगार पैदा होंगे और अगले दशक में 1 लाख करोड़ डॉलर के निवेश का बड़ा विजन है।
राज्य को आगामी डेटा केंद्रों को ऊर्जा प्रदान करने के लिए अधिक हरित ऊर्जा की आवश्यकता होगी। नायडू ने कहा, ‘अब डीप टेक डेटा केंद्र आ रहे हैं। गूगल ने 15 अरब डॉलर (विशाखापत्तनम में एआई केंद्र) की घोषणा की है। इन दो दिनों में, 4 से 5 गीगावॉट के और डेटा केंद्र आने वाले हैं। 1 गीगावॉट डेटा केंद्र के लिए हमें 6 गीगावॉट बिजली और हरित ऊर्जा की आवश्यकता है। इसका कई गुना प्रभाव होगा।’
नायडू ने वैश्विक कंपनियों से सम्मेलन से जाने से पहले समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने का आग्रह किया और उन्हें राज्य के निर्बाध कार्यान्वयन के ट्रैक रिकॉर्ड का आश्वासन दिया। नायडू ने कहा, ‘एमओयू के बाद आपको हमें याद दिलाने की जरूरत नहीं होगी, हमारी टीम आगे भी काम करती रहेगी। यही हमारी विश्वसनीयता है। आंध्र प्रदेश में निवेश करने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए एमओयू के माध्यम से सब कुछ तुरंत हो जाएगा। हम तकनीक और कृषि, सड़कें, बंदरगाह, हवाई अड्डे सहित सभी चीजों को एकीकृत करना चाहते हैं।’ नायडू ने बताया कि कैसे विभिन्न कार्यकालों में मुख्यमंत्री के रूप में उनकी सरकार ने हैदराबाद में हाई-टेक सिटी पर ध्यान केंद्रित किया और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र को बढ़ावा दिया। उन्होंने कहा, ‘आज मैं कह सकता हूँ कि भारतीय आईटी क्षेत्र में छा रहे हैं। दुनिया भर में हर चौथा आईटी पेशेवर भारत से है और इन चार में से एक आंध्र प्रदेश से है।’
सरकार बंदरगाहों, हवाई अड्डों, सड़कों, रेलवे, लॉजिस्टिक्स पार्कों, शुष्क बंदरगाहों, अंतर्देशीय जलमार्गों और फार्मास्यूटिकल्स एवं स्वास्थ्य सेवा जैसे विस्तारित क्षेत्रों में निवेश प्रदान करती है। उन्होंने कहा, ‘आंध्र प्रदेश सभी क्षेत्रों में अगली पीढ़ी की वृद्धि के लिए तैयार है।’
राज्य नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश कर रहा है, जिसमें ग्रीन हाइड्रोजन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘केंद्र सरकार 500 गीगावॉट हरित ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित कर रही है और उसमें से हम 160 गीगावॉट ऊर्जा का उत्पादन करने जा रहे हैं। अब बैटरी की लागत भी कम हो रही है। हमारे पास सौर, पवन और पंप स्टोरेज प्लांट भी हैं।’ आंध्र प्रदेश समर्पित अंतरिक्ष शहर, ड्रोन शहर, रोबोटिक्स, सेमीकंडक्टर और रक्षा गलियारों के साथ-साथ एक एरोस्पेस शहर भी विकसित कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हम एक क्वांटम वैली और एक ग्रीन हाइड्रोजन वैली बनाने जा रहे हैं। दो साल के भीतर हम वैश्विक बाजार के लिए क्वांटम कंप्यूटर का उत्पादन करने जा रहे हैं।’