सरकार द्वारा फास्टर अडॉप्शन ऐंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ (हाइब्रिड ऐंड) इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (फेम) योजना के तहत कई इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) निर्माताओं को मिलने वाली सब्सिडी बंद होने से उन कंपनियों के डीलरों की चिंता बढ़ गई है। कम आपूर्ति की समस्या से भी जूझ रहे इन डीलरों का दावा है कि ज्यादातर ग्राहक अब दूससे ब्रांडों का रुख कर रहे हैं।
सब्सिडी गंवाने वाली कंपनियों के कई डीलरों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि वे कारोबार जारी रखने के अपने फैसले पर नए सिरे से विचार कर रहे हैं क्योंकि उनका घाटा बढ़ रहा है और बिक्री कमजोर पड़ गई है। बिक्री में गिरावट की बड़ी वजह सब्सिडी नहीं होने के कारण कीमत बढ़ना और प्रतीक्षा अवधि बढ़ना है। कंपनियां अभी बंद सब्सिडी पर फैसले का इंतजार कर रही हैं।
फेम योजना के नियमों के कथित उल्लंघन के कारण जांच के दायरे में आए कई निर्माताओं की सब्सिडी रोक दी गई है। ओकीनावा स्कूटर्स और हीरो इलेक्ट्रिक उन शुरुआती कंपनियों में शामिल थीं, जिनकी सब्सिडी सितंबर 2022 में बंद कर दी गई थी।
भारी उद्योग मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार फेम-2 के तहत पंजीकृत 64 ओईएम में से अब तक कम से कम 17 को इस योजना से मिलने वाली सब्सिडी से वंचित किया गया है। सब्सिडी से संबंधित जांच का सामना कर रहे ज्यादातर डीलर ओकीनावा स्कूटर्स और हीरो इलेक्ट्रिक के उत्पाद बेचते हैं। सब्सिडी गंवाने वाली 17 कंपनियों ने 2022 में जो ईवी बेचे थे, उनमें 83 फीसदी हिस्सेदारी इन्हीं दो कंपनियों की थी।
मुंबई में ओकीनावा के डीलर अनिल सिंह को जनवरी में 200 बुकिंग मिली थीं मगर उनका कहना है कि एक महीने नें उन्हें केवल 50 वाहन दिए गए हैं। सिंह कहते हैं, ‘मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं अपने ग्राहकों को इंतजार करने के लिए कैसे राजी करूं। हमारे यहां ग्राहकों को डिलिवरी के एक महीने से भी ज्यादा इंतजार करना पड़ रहा है। अक्टूबर से हमें आपूर्ति का दिलासा ही मिल रहा है, ऑर्डर का माल नहीं।’
सिंह का दावा है कि कीमत बढ़ने के बाद भी लोग ओकीनावा स्कूटर्स के वाहनों में दिलचस्पी दिखा रहे हैं, लेकिन प्रतीक्षा अवधि के कारण चिंता बढ़ गई है। सिंह का कहना है, ‘ग्राहक हमसे दूरी बना रहे हैं क्योंकि कई अन्य ब्रांड उन्हें उसी दिन वाहन दे रहे हैं या उनके लिए केवल 5 से 15 दिन इंतजार करना पड़ रहा है।’
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के पोर्टल ‘वाहन’ के अनुसार जनवरी में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री 15 प्रतिशत से ज्यादा घट गई, जबकि नवंबर में रिकॉर्ड 1,19,483 वाहन बिके थे। ओकीनावा स्कूटर्स की बिक्री में 51 फीसदी और हीरो इलेक्ट्रिक की बिक्री में 29 फीसदी गिरावट आई।
बिक्री में गिरावट के बारे में पूछे जाने पर हीरो इलेक्ट्रिक के मुख्य कार्याधिकारी सोहिंदर गिल ने कहा, ‘हमारे जैसे छोटे एवं मझोले उद्यमियों को कार्यशील पूंजी की किल्लत महसूस हो रही है, जिससे बिक्री में नुकसान बढ़ रहा है।’
दिल्ली-एनसीआर में ओकीनावा स्कूटर्स के डीलर अरुण कुमार ने अक्टूबर में 60 ईवी बेचे थे मगर जनवरी में केवल 10 बेच पाए और ग्राहक अब दूसरे ब्रांड पसंद कर रहे हैं। कुमार का दावा है कि उनका हर महीने का खर्च 2.5 लाख रुपये है मगर कमाई केवल 50,000 रुपये की हो रही है। उन्होंने कहा कि ओकीनावा स्कूटर्स जल्द कोई समाधान नहीं निकालती है तो उन्हें दुकान समेटनी पड़ेगी।
हीरो इलेक्ट्रिक की आपूर्ति पटरी पर लौट रही है मगर डीलरों के सामने सिंगल बैटरी स्कूटर बेचने की चुनौती है। उत्तरी राजस्थान में कंपनी के डीलर राम शर्मा कहते हैं कि कंपनी सिंगल बैटरी स्कूटर बेचने के लिए कह रही है क्योंकि इस पर 24,000 रुपये सब्सिडी मिलती है और डबल बैटरी स्कूटर पर 45,000 रुपये।
कंपनी 21,000 रुपये की चोट कम झेलना चाहती है। मगर शर्मा कहते हैं कि सिंगल बैटरी खरीदने आए ग्राहक को फायदे गिनाकर डबल बैटरी स्कूटर बेचना तो आसान है मगर डबल बैटरी मांग रहे ग्राहक को सिंगल बैटरी स्कूटर कैसे बेचा जाए?
उनका दावा है कि 80 फीसदी मांग डबल बैटरी स्कूटर की ही है क्योंकि उनकी और सिंगल बैटरी स्कूटर की कीमत में केवल 17,000 रुपये का फर्क है।
(डीलरों के नाम उनके अनुरोध पर बदल दिए गए हैं)