केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सोमवार को संसद में कहा कि महंगाई पर काबू पाने में हुई विफलता पर भारतीय रिजर्व बैंक की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की जाएगी। मंत्री ने कहा, ‘रिजर्व बैंक ने केंद्र सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी है, जैसा कि रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 जेडएन और रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति समिति और मौद्रिक नीति प्रक्रिया नियमन 2016 के नियम 7 के तहत अनिवार्य है।
’उन्होंने कहा, ‘रिजर्व बैंक ऐक्ट 1934 के उपरोक्त उल्लिखित नियमों में रिपोर्ट को सार्वजनिक किए जाने का प्रावधान नहीं है।’
नियमों के मुताबिक रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति अगर महंगाई दर लक्ष्य के भीतर रखने में असफल रहती है और लगातार 3 तिमाही तक यह 2 से 6 प्रतिशत की सीमा से ऊपर रहती है तो रिजर्व बैंक को इसका स्पष्टीकरण देना होता है।
जनवरी से सितंबर 2022 तक लगातार तीन महीने महंगाई दर तय सीमा से ऊपर रही है। 2016 में इसे पेश किए जाने के बाद पहली बार ऐसा हुआ है। मंत्री ने कहा कि जनवरी मार्च के दौरान औसत महंगाई 6.3 प्रतिशत, अप्रैल-जून के बीच 7.3 प्रतिशत और जुलाई सितंबर 2022 के दौरान 7 प्रतिशत थी।