अदाणी एंटरप्राइजेज को लेकर चिंताजनक स्थिति बनने के मामले पर केंद्र का मानना है कि कंपनी का वृहद अर्थव्यवस्था के लिहाज से कोई असर नहीं होगा बल्कि यह मुमकिन है कि निवेशकों के आत्मविश्वास में कुछ वक्त के लिए कमी आ जाए।
अदाणी एंटरप्राइजेज ने अपने अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) को वापस लेने का फैसला कर लिया है जिस पर एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि समूह पर लगाए गए आरोपों और अदाणी समूह की कंपनियों की शेयर कीमतों पर पड़ने वाले असर को लेकर कोई चिंता की बात नहीं है। नाम न बताने की शर्त पर अधिकारी ने कहा, ‘मौजूदा वक्त में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक और बीमा क्षेत्र में अदाणी का निवेश बेहद कम है ऐसे में उससे ज्यादा असर पड़ने की संभावना नहीं है।’
अधिकारी ने कहा कि अदाणी की हिस्सेदारी एलआईसी या सरकारी बैंकों के शेयर में एक फीसदी से भी कम है। अदाणी की किसी भी कंपनी के पूरी तरह बर्बाद होने की संभावना नहीं है। अगर आरोपों की भी बात की जाए तो इससे शेयरों की कीमतों पर कुछ वक्त तक असर पड़ेगा लेकिन ये सभी वास्तविक कारोबार हैं जिनकी परिसंपत्ति वास्तविक है और ये सभी कमाई कर लेंगी।