Data Protection Bill: सरकार डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 (Digital Personal Data Protection Act, 2023) के मानदंडों का अनुपालन करने के लिए इकाइयों को एक साल का समय दे सकती है।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बुधवार को यह बात कही। उन्होंने कहा कि सरकार इकाइयों को अपनी प्रणाली को इसके अनुरूप ढालने के लिए एक साल का समय देने पर विचार कर रही है।
उद्योग के साथ चर्चा के मौके पर पत्रकारों से अलग से बातचीत में चंद्रशेखर ने कहा कि डेटा संरक्षण बोर्ड और मंजूरी प्रबंधन सहित आठ नियमों के लिए दिशानिर्देश एक महीने में जारी कर दिए जाएंगे। मंत्री ने कहा, ‘उद्योग ‘एज-गेटिंग’ के लिए कुछ और समय चाहता है, अलग-अलग डेटा इकाइयों के लिए इस बदलाव को अलग-अलग समयसीमा चाहता है। हमें उम्मीद है कि ‘एज-गेटिंग’ को छोड़कर ज्यादातर नियमों के लिए बदलाव 12 माह में पूरा हो जाएगा।’’
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‘एज-गेटिंग’ ऐसा पेज होता है जिसमें वेबसाइट पर आने वाले व्यक्ति से उसकी आयु पूछी जाती है और यह देखा जाता है कि वह साइट के उत्पादों या सेवाओं के इस्तेमाल के लिए उपयुक्त आयु सीमा के तहत आता है या नहीं।
इस चर्चा में मेटा, लेनोवो, डेल, नेटफ्लिक्स सहित विभिन्न कंपनियों के लगभग 125 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023, जो उच्चतम न्यायालय द्वारा ‘निजता के अधिकार’ को मौलिक अधिकार घोषित करने के छह साल बाद आया है, में ऑनलाइन मंचों द्वारा व्यक्तियों के डेटा या ब्योरे के दुरुपयोग को रोकने के प्रावधान हैं। इस अधिनियम में व्यक्तियों के डिजिटल ब्योरे का दुरुपयोग करने या उसकी सुरक्षा करने में विफल रहने वाली इकाइयों पर 250 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।
अधिनियम कहता है कि नागरिकों द्वारा एकत्र किए गए डेटा का उपयोग कानून के अनुसार केवल उसी उद्देश्य के लिए किया जाना चाहिए जिसके लिए इसे जुटाया गया है। किसी भी तरह की शिकायत के मामले में डेटा संरक्षण बोर्ड से संपर्क किया जा सकता है। बोर्ड अधिनियम के मानदंडों के अनुसार शिकायत पर कार्रवाई करेगा। चंद्रशेखर ने कहा, ‘‘हम अगले पांच-छह दिन में अनुपालन के लिए अधिकांश नियम लागू करना शुरू कर देंगे। अधिकांश नियम 30 दिन के भीतर लागू कर दिए जाएंगे। डेटा संरक्षण बोर्ड भी 30 दिन में अस्तित्व में आ जाएगा।’’