किसी जायकेदार उद्योग की बात चले और पेठे का जिक्र न हो, ऐसा तो हो नहीं सकता है। अब अगर पेठे का जिक्र छिड़ ही गया है तो आगरा का नाम तो आना ही आना है...

किसी जायकेदार उद्योग की बात चले और पेठे का जिक्र न हो, ऐसा तो हो नहीं सकता है। अब अगर पेठे का जिक्र छिड़ ही गया है तो आगरा का नाम तो आना ही आना है...