तीन साल से भी अधिक समय के बाद से अब तक किसी भी भारतीय कंपनी ने प्रत्यक्ष विदेशी इक्विटी पूंजी बाजार की पेशकश नहीं की है, जिससे देश के उदारीकरण के...

तीन साल से भी अधिक समय के बाद से अब तक किसी भी भारतीय कंपनी ने प्रत्यक्ष विदेशी इक्विटी पूंजी बाजार की पेशकश नहीं की है, जिससे देश के उदारीकरण के...