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चीन से भारी एफडीआई से ही निपटा जा सकता है व्यापार घाटे से : मनमोहन

PTI

- October,22 2013 5:03 PM IST

बीजिंग, 22 अक्तूबर :भाषा: प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने चीन के साथ व्यापार मंे अस्थिर असंतुलन पर चिंता जताई है। सिंह ने चीन से निवेश बढ़ाने तथा भारत मंे चीनी औद्योगिक पार्क के गठन के प्रस्ताव का स्वागत किया है, जिससे बढ़ते व्यापार घाटे से निपटने मंे मदद मिलेगी।

प्रधानमंत्री की तीन दिन की चीन यात्रा आज से शुरू हो रही है। चीन के आधिकारिक मीडिया के साथ साक्षात्कार मंे सिंह ने कहा भारत को चीन के साथ व्यापार मंे अस्थिर असंतुलन का सामना करना पड़ रहा है और भारत के लिए व्यापार घाटे को कम करने का एक रास्ता चीन से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश :एफडीआई: बढ़ाना है।

बीते साल दोनांे देशांे के बीच द्विपक्षीय व्यापार घटकर 66.5 अरब डालर का रहा। इसमंे चीन का भारत को निर्यात 47.7 अरब डालर का है। भारत से चीन को लौह अयस्क जैसे कच्चे माल के निर्यात मंे कमी से व्यापार घाटा करीब 20 अरब डालर पर पहुंुच गया है।

सिंह ने कहा, हमंंे इस बात की खुशी है कि अधिक से अधिक चीन की कंपनियां भारत को निवेश गंतव्य के रूप मंे देख रही हैं। मई, 2013 मंे अपनी भारत यात्रा के दौरान चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग ने कहा था कि हम भारत मंे चीनी औद्योगिक पार्क की स्थापना के विकल्प पर विचार कर रहे हैं। इस औद्योगिक पार्क मंे चीन की कंपनियांे और फर्मों को एक साथ लाया जा सकता है। हम इस विचार का स्वागत करते हैं।

सिंह ने इस बात का उल्लेख किया कि हाल मंे चीन का प्रतिनिधिमंडल भारत आया था और उसकी संबंधित अधिकारियांे से अच्छी बातचीत हुई। प्रधानमंत्री ने कहा, हमने उन्हंे चीनी औद्योगिक पार्क के लिए कुछ संभावित स्थल भी दिखाए। हम इन विचारांे को लागू करने के लिए चीनी पक्ष के साथ मिलकर काम करेंगे।

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