संकट की घड़ी में मौद्रिक नीति को आसान बनाने के लिए सरकार सीआरआर, रेपो रेट, रिवर्स रेपो और एसएलआर में और कटौती की योजना बना रही है।
सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि इस बारे में विचार करने को रिजर्व बैंक से कहा गया है। सूत्रों के मुताबिक, एक हफ्ते के अंदर इन दरों में 50 से 100 आधार अंकों की कटौती की जा सकती है।
दरों में कटौती का मकसद बैंकों से मिलने वाले ऋण को आसान बनना है, ताकि अर्थव्यवस्था को गति मिल सके। दरअसल, नकदी की कमी के चलते विकास की रफ्तार सुस्त पड़ने के संकेत मिल रहे हैं।
रिजर्व बैंक के इस कदम से बैंकिंग तंत्र में 80,000 करोड़ रुपये का प्रवाह होगा, जिससे बैंक कम ब्याज दर पर ऋण दे सकेंगे। रिजर्व बैंक की ओर से बैंकों को विशेष रेपो दर कर्ज देने की भी व्यवस्था पर विचार किया जा रहा है। इससे बैंक विशेष रेपो दर पर कर्ज लेकर कंपनियों को आसान दरों पर ऋण मुहैया कराएंगे।
कटौती पर सोमवार को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्णय लिया गया।
एक हफ्ते के अंदर प्रमुख दरों में 50 से 100 आधार अंकों की कटौती संभव