ट्राई ने 3जी स्पेक्ट्रम पर अपनी सिफारिशें दोहराई | भाषा / नई दिल्ली January 15, 2015 | | | | |
3जी आधार मूल्य के अपने प्रस्ताव पर कायम रहते हुए दूरसंचार नियामक ट्राई ने फरवरी नीलामी के लिए 2100 मेगाहट्र्ज में पर्याप्त स्पेक्ट्रम उपलब्ध कराए जाने की अपनी बात दोहराई है। उसका कहना है कि ऐसा नहीं होने पर बैंड में बाजार मूल्य कृत्रिम रूप से बढ़ेगा। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने 2100 मेगाहट्र्ज बैंड के संदर्भ में दूरसंचार विभाग को अपने स्पष्टीकरण में कहा, 'फरवरी 2015 में नीलामी के लिए अन्य बैंड के स्पेक्ट्रम के साथ 2100 मेगाहट्र्ज बैंड स्पेक्ट्रम को जोडऩे का मकसद तब तक पूरा नहीं होगा जब तक इस बैंड में पर्याप्त स्पेक्ट्रम उपलब्ध नहीं होता है।'
नियामक ने कहा कि 3जी सेवाओं में उपयोग होने वाले 2100 मेगाहट्र्ज की अलग-अलग बिक्री से इस साल फरवरी में होने वाली नीलामी में आपूर्ति संबंधी बाधाओं के कारण 2100 मेगाहट्र्ज की बाजार कीमत में 'कृत्रिम' रूप से तेजी आएगी। ट्राई ने कहा, '2100 मेगाहट्र्ज बैंड में स्पेक्ट्रम के आरक्षित मूल्य के बारे में जो पूर्व में सिफारिश की गई थी, उसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है।' दूरसंचार नियामक ने कहा कि रक्षा मंत्रालय के साथ सैद्धांतिक समझौते के तहत मंत्रालय द्वारा खाली किए जा रहे 15 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी फरवरी में की जानी चाहिए। हालांकि यह फिलहाल उपलब्ध नहीं है।
अंतर-मंत्रालई समूह दूरंसचार आयोग ट्राई की संशोधित सिफारिशों पर 19 जनवरी को प्रस्तावित बैठक में विचार कर सकता है। उसके बाद मंत्रिमंडल 3जी कीमत मुद्दे पर अंतिम निर्णय करेगा। ट्राई ने 31 दिसंबर को अपनी सिफारिश में 2100 बैंड के लिए आधार मूल्य 2,720 करोड़ रुपये प्रति मेगाहट्र्ज की सिफारिश की थी। हालांकि दूरसंचार आयोग ने इन रेडियो तरंगों के लिए 2,720 करोड़ रुपये प्रति मेगाहट्र्ज के आरक्षित मूल्य तय करने के तौर-तरीकों पर सवाल उठाए थे। यह मूल्य 2010 की नीलामी में सेवा प्रदाताओं द्वारा भुगतान किए गए मूल्य से करीब 19 प्रतिशत कम है।
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