वाइब्रेंट गुजरात पर वैश्विक छाप | |
बीएस संवाददाता / अहमदाबाद 01 11, 2015 | | | | |
वाइब्रेंट गुजरात समिट का सातवां सत्र एक वैश्विक आयोजन के रूप में खुद को स्थापित करता नजर आया। यहां एक ही मंच पर दुनिया भर के शीर्ष नेतृत्व ने शिकरत की और वैश्विक मसलों पर चर्चा की गई। गुजरात वाइब्रेंट समिट 2015 के उद्घाटन सत्र में गरीबी उन्मूलन और स्वच्छ ऊर्जा पहल प्रमुख मसले के रूप में सामने आया, जहां संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान-की-मून, अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी, विश्व बैंक के अध्यक्ष जिम यॉन्ग किम के साथ ही कई देशों के प्रधानमंत्रियों ने भी मौजूदगी दर्ज कराई।
इस आयोजन को पृथ्वी के सबसे बड़े समारोह करार देते हुए उभरते उद्यमियों के लिए अवसर प्रदान करने से लेकर किसानों तक के विषयों की इसमें चर्चा की गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'हम यहां एक परिवार के तौर पर उपस्थित हुए हैं, जिसका लक्ष्य सभी का कल्याण करना है।' मोदी ने इस मौके पर अंग्रेजी में अपना भाषण दिया, वहीं केरी ने शार्ली एब्दो पत्रिका के पीडि़तों के प्रति सहानुभूति प्रकट की। मोदी को दूरद्रष्टा प्रधानमंत्री बताते हुए केरी ने कहा कि उन्होंने गुजरात को 'संभावनाओं, बदलाव और ऊर्जा' का पर्याय बना दिया है। केरी ने कहा कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 95 फीसदी योगदान करने वाले 95 फीसदी लोगों को संबोधित करना हमारे लिए एक बेहरीन अवसर है। केरी ने कहा, 'अगर हम एकसाथ मिलकर काम करें तो मुझे पूरा यकीन है कि दुनिया का सबसे बड़े और पुराने लोकतांत्रिक देश न केवल एशिया बल्कि दुनिया भर में समृद्घि और सुरक्षा के नए युग की शुरुआत कर सकता है।'
मोदी ने अपने भाषण में कहा कि समावेशी विकास से सभी समस्याओं को दूर किया जा सकता है। वैश्विक निवेशकों को चिंता को दूर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्थिर कर व्यवस्था तथा भरोसेमंद, पारदर्शी और निष्पक्ष नीतिगत वातावरण तैयार कर भारत को कारोबार करने की दृष्टि सबसे आसान स्थल बनाने का वादा किया। उन्होंने कहा, 'मंदी को अक्सर कारोबार और उद्योग के लिहाज से देखा जाता है। क्या हमने कभी मंदी के कारण देश में प्रति व्यक्ति आय में कमी के बारे में सोचा है? हमने कभी आम लोगों में रोजगार के अवसर बढ़ाने और उनकी आय एवं क्रयशक्ति बढ़ाने के बारे में सोचा है।'
बान-की मून ने मोदी की स्मार्ट सिटी की पहल और अक्षय ऊर्जा दक्षता बढ़ाने के विचार की सराहना की। उन्होंने कहा, 'हमें केवल औद्योगिक सुदृढ़ता ही नहीं चाहिए बल्कि स्थायी समावेशी समाधान की भी जरूरत है।' इस सम्मेलन में केंद्र सरकार की विभिन्न पहलों और उपलब्धियों को भी ऑडियो-वीडियो के जरिये दर्शाया गया। हालांकि सम्मेलन के दौरान गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल की भूमिका महज प्रतिनिधियों के लिए स्वागत भाषण पढऩे तक सीमित रही। सम्मेलन के दौरान मंच पर निवेश को लेकर भी किसी तरह की चर्चा नहीं हुई, जबकि सम्मेलन की शुरुआत निवेश समिट के तौर पर की गई थी। हालांकि रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने अगले 12 से 18 माह में 100,000 करोड़ रुपये निवेश की बात कही।
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