दूरसंचार आयोग ने 3जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए आधार मूल्य संबंधी क्षेत्रीय विनियामक ट्राइ की सिफारिशों को उसे पुनर्विचार के लिए वापस भेजने का निर्णय लिया है। आयोग में दूरसंचार विभाग के अलावा वित्त और कुछ अन्य मंत्रालयों के अधिकारी भी होते हैं। सूत्रों के मुताबिक दूरसंचार आयोग ने बुधवार को अपनी बैठक में 3जी सेवा के लिए निर्धारित 2100 मेगाहर्ट्ज बैंड के स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए न्यूनतम मूल्य संबंधी भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) की सिफारिशों पर विचार किया और इन सिफारिशों को पुनर्विचार के लिए उसे वापस भेजने का फैसला किया। ट्राइ ने 31 दिसंबर को इस बैंड़ के स्पेक्ट्रम के लिए अखिल भारतीय स्तर पर प्रति मेगाहर्ट्ज 2,720 करोड़ रुपये का न्यूनतम मूल्य रखने की सिफारिश की थी। सूत्रों के अनुसार समिति का मानना है कि 2010 के बाजार निर्धारित मूल्य को एसबीआई पीएलआर से जोड़ कर और उसके हिसाब से निकलने वाले मूल्य के 80 प्रतिशत के बराबर कीमत को अब 2100 मेगाहर्ट्ज बैंड स्पेक्ट्रम के लिए न्यूनतम मूल्य तय किया जाना चाहिए।' समझा जाता है कि दूरसंचार विभाग की एक आंतरिक समिति ने 3जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए आधार मूल्य प्रति मेगाहटर््ज 3899 करोड़ रुपये तय करने का सुझाव दिया है। यह ट्राई की सिफारिश से 43 प्रतिशत अधिक है।
