अमेरिका और यूरोप स्थित परंपरागत बाजारों पर मंदी की पड़ती जबरदस्त मार की वजह से अब कानपुर के उद्योगपति अपने उत्पादों की बिक्री के लिए नए बाजारों की तलाश कर रहे हैं।
शहर के कारोबारियों और निर्माताओं के एक समूह ने हाल ही में लैटिन अमेरिकी और अफ्रीकी देशों में अपने रिटेल आउटलेट और मैन्यूफैक्चरिंग इकाइयां स्थापित करने के लिए दौरा किया है।
भारतीय उद्योग संघ (आईआईए) के अध्यक्ष डी. एस. वर्मा ने बताया कि त्रिनिदाद और टोबैगो के प्रशासन से यहां के कारोबारी समूह को सकारात्मक संकेत मिले हैं।
वहां की सरकार ने यहां निवेश और कारोबार करने के लिए तरह-तरह के प्रोत्साहनों की पेशकश की है। यही नहीं वहां की सरकार यूरोपीय देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के फायदे को और भी बढ़ावा देगी।
वर्मा ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि राजदूत मणिदेव प्रसाद तिवारी यहां उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए गहरी इच्छा जाहिर की है और उन्होंने कहा कि यहां उद्योगों के स्थापना के लिए सस्ती जमीन, कर में छूट और लगातार बिजली की आपूर्ति सहित विदेशी निवेश की सुविधाएं और बढ़ावा भी दिया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने राज्य के कारोबारियों को एफटीए के लाभ का इस्तेमाल करने और अमेरिकी, यूरोपीय और कैरिबियाई देशों में लाभप्रद शर्तों का उपयोग करने के लिए भी आमंत्रित किया है।
आईआईए के सचिव राजेश ग्रोवर ने बताया कि त्रिनिदाद और टोबैगो के व्यापार और विदेश मंत्री सहित एक प्रतिनिधिमंडल राज्य के निवेशकों और कारोबारियों को आकर्षित करने और खुद के देश में व्यापार संभावनाओं की आगे की वार्ता के लिए दौरा करने का फैसला किया है। ग्रोवर ने बताया, 'हम लोग सकारात्मक परिणामों की आशा करते हैं और जितनी जल्दी हो सके हम लोग इस समझौते में प्रवेश करना चाहते हैं। वहां बुनियादी उद्योगों के लिए काफी गुंजाइश है।'
कुछ महीने पहले, शहर के चमड़ा उद्योग मालिकों की एक समूह भी अफ्रीकी राष्ट्र बोत्सवाना, नाइजिरिया, अंगोला, तंजानिया और युगांडा का दौरा किया है। उत्तर प्रदेश चमड़ा उद्योग संघ (यूपीएलआईए) के अध्यक्ष मकसूद आलम ने बताया कि चमड़ा उद्योग के लिए वहां का पर्यावरण पूरी तरह अनुकूल है और साथ ही वहां कच्चा माल और प्रचुर मात्रा में बिजली भी सहजता से उपलब्ध हो जाएगी।
आलम ने बताया, 'यहां उद्योग की स्थापना को लेकर बोत्सवाना निर्यात और विकास निगम (बीईडीसी) के अधिकारियों से लंबी चर्चा हुई है।' उन्होंने बताया, 'राज्य में निजी और संयुक्त उपक्रम की स्थापना को लेकर वहां के अधिकारी काफी इच्छुक हैं और वे बोत्सवाना में करीब 35 करोड़ रुपये के व्यापार अवसर को मुहैया कराएंगे।