देश की यात्री वाहनों की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी टाटा मोटर्स की बिक्री अक्टूबर में 6 प्रतिशत घटकर 17,014 वाहन रह गई।
कंपनी के वाहनों की बिक्री में हुई कमी के पीछे तरलता और कर्ज के कड़े नियमों को माना जा रहा है, जिसमें त्योहारों के दौरान बिक्री पर असर डाला है। कंपनी के अधिकारियों का हालांकि दावा है कि अक्टूबर में वाहनों की बिक्री का आंकड़ा इस साल के अब तक किसी भी महीने में हुई बिक्री से काफी बेहतर है।
पिछले साल कंपनी ने अक्टूबर महीने में 18,021 वहानों की बिक्री की थी। टाटा मोटर्स के अध्यक्ष (यात्री कार वाहन कारोबार) राजीव दुबे का कहना है, 'अक्टूबर बिक्री के लिहाज से हमारे लिए अब तक का सबसे बढ़िया महीना रहा है।'
इंडिका श्रेणी में 19 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है, जिसमें अक्टूबर में 9,484 वाहन ही बेचे गए, जबकि टाटा मोटर्स ने सिर्फ दो महीने पहले ही इंडिका की नई कार न्यू इंडिका विस्टा बाजार में उतारी है। कंपनी ने इस मामले में अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि पुरानी इंडिका के उत्पादन में नई कार के बिक्री में अवरोध पैदा किया है।
कंपनी की इंडिगा श्रेणी में 96 प्रतिशत वृध्दि के साथ अक्टूबर में 4,616 वाहन बेचे गए। टाटा की सूमो और सफारी की कुल मिलाकर 2,914 वहान बिके, जिनमें पिछले वित्त वर्ष अक्टूबर में हुई बिक्री के मुकाबले 27 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की है।
कंपनी की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कंपनी का कहना है, 'यूटिलिटी और एसयूवी श्रेणी जुलाई से ही दबाव महसूस कर रही है, जब से 115 लीटर से अधिक क्षमता वाले इंजनों के वाहनों पर अस्थायी तौर पर अधिक उत्पाद शुल्क लगाया गया है।'