पश्चिम बंगाल में बात-बात पर वामपंथी पार्टियों के खिलाफ फुफकारने वाली मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अगर वामपंथी खेमे के प्रमुख नेता डी राजा के बगल में बैठकर हंसी-मजाक करती दिखें तो अपनी आंखों पर यकीन करना मुश्किल है। लेकिन राजधानी के विज्ञान भवन में आज यही मंजर नजर आया, जब पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की 125वीं जयंती के समारोह में ये दोनों धुर विरोधी एक साथ बैठे नजर आए। वाम मोर्चे को पटखनी देकर बंगाल में सत्ता में आई तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव डी राजा ही नहीं माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता सीताराम येचुरी से भी देर तक गुफ्तगू करती दिखीं। उनकी बातचीत का मुद्दा एक ही था- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में भाजपा के लगातार तेज होते प्रभाव को कैसे रोका जाए। बंगाल में भी चुनाव नजदीक हैं और भाजपा ने उनकी तैयारी जोर शोर से शुरू कर दी है। इसी से फिक्रमंद ममता ने मजाकिया लहजे में येचुरी से पूछा, 'भाजपा पैठ बना रही है। आप क्या कर रहे हैं?' इस पर माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य येचुरी ने भी उसी लहजे में कहा, 'वे पैठ भी तो आपकी वजह से ही बना रहे हैं।' ममता कार्यक्रम में सबसे आगे की कतार में जनता दल (यूनाइटेड) के शरद यादव और येचुरी तथा राजा के साथ बैठीं, जिसकी कल्पना साल भर पहले उस वक्त भी नहीं की जा सकती थी, जिस वक्त 'सांप्रदायिक ताकतों' यानी भाजपा को रोकने के लिए महा गठबंधन बनाने की बात चल रही थी। बाद में ममता ने यहां तृणमूल कांग्रेस के दफ्तर में संवाददाताओं से कहा, 'मैं वैचारिक तौर पर उनकी (वाम दलों की) विरोधी हो सकती हूं, लेकिन सांप्रदायिक ताकतों को रोकन के लिए मैं किसी भी धर्मनिरपेक्ष मोर्चे के साथ चल सकती हूं। मुझे खुशी है कि सोनिया गांधी ने हमें ऐसा मौका दिया है।' विदेशी मेहमान मंच पर नेहरू को श्रद्घांजलि देते रहे और नीचे ममता ने शरद यादव और बाद में राजा से बातचीत जारी रखी। जद (यू) तो 'जनता दल परिवार' की अन्य पार्टियों के साथ मिलकर भाजपा और नरेंद्र मोदी विरोधी मोर्चा बनाने में जुट भी गई है। ममता इस दौरान येचुरी को यह बताना भी नहीं भूलीं कि 1986 में वह और राजा युवा प्रतिनिधियों के रूप में वियतनाम गए थे। ममता ने सुबह का पूरा कार्यक्रम देखा और उसके लिए पहले से तय अपने कई कार्यक्रम रद्द कर दिए। इसी से पता चलता है कि इस मौके को वह कितनी अहमियत दे रही हैं। प्रकाश करात इस दौरान कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बगल वाली कुर्सी पर बैठे रहे। राजा से जब यह पूछा गया कि केवल मोदी को रोकने की खातिर उनकी पार्टी अपनी कट्टïर विरोधी तृणमूल के साथ हाथ मिलाएगी या नहीं तो उन्होंने कहा, 'अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। लेकिन बात चल रही है। सियासी हलकों में बात चल रही है तो अच्छा है। जनता पार्टियां एक साथ आ चुकी हैं, उसी तरह भाजपा और मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ हम छह वाम दल भी एक साथ हो चुके हैं।' ममता अभी दो दिन दिल्ली में ही रहेंगी और इस दौरान शरद यादव के साथ उनकी मुलाकात के कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि इस कार्यक्रम में समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव और राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया लालू प्रसाद को भी आना था, लेकिन दोनों ही नहीं आ सके। अलबत्ता लालू ने अपने प्रतिनिधि के तौर पर जय प्रकाश यादव को भेज दिया। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की पूर्व सहयोगी नैशनल कॉन्फ्रेंस की ओर से कोई भी इस कार्यक्रम में नहीं पहुंचा, लेकिन महाराष्ट्र में भाजपा सरकार को समर्थन का ऐलान कर चुकी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की ओर से राज्य सभा सदस्य डी पी त्रिपाठी नजर आए। पिछली सरकार में मंत्री रहे वीरप्पा मोइली भी इस कार्यक्रम में नेहरू के मूल्यों की दुहाई देकर भाजपा के खिलाफ सभी को एकजुट करने की अपील करते दिखे।
