देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की 125वीं जयंती के अवसर पर श्रद्घांजलि अर्पित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन कर रही है। सोमवार को आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी, माकपा से प्रकाश करात और सीताराम येचुरी, समाजवादी पार्र्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव और राष्ट्रीय जनता दल के लालू प्रसाद शिरकत करेंगे। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस कार्यक्रम का न्योता नहीं दिया है। कांग्रेस ने आमंत्रण नहीं देने के संबंध में सफाई देते हुए कहा है कि भाजपा पंडित नेहरू की विचारधारा का सम्मान नहीं करती, इसलिए उसे इस कार्यक्रम में नहीं बुलाया गया है। वहीं भाजपा ने कांग्रेस पर संकीर्ण राजनीति करने का आरोप लगाया है। भाजपा और कांगे्रस दोनों ही राजनीतिक पार्टियां नेहरू की विरासत पर बयानबाजी में उलझी हुई हैं। गौरतलब है कि इस सम्मेलन में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के शरद पवार शामिल नहीं हो पाएंगे। उनकी ओर से राकांपा से राज्यसभा सांसद डी पी त्रिपाठी कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे। इस कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनेक नेता भाग लेंगे। इस सम्मेलन का शीर्षक 'नेहरू का वैश्विक दृष्टिïकोण और उनकी विरासत, लोकतंत्र, समावेश और सशक्तिकरण' रखा गया है। दिलचस्प है कि पूर्ववर्ती सप्रंग सरकार की सहयोगियों तृणमूल और भाकपा, माकपा समेत अन्य दलों को कांग्रेस आला कमान की और से निजी तौर पर आमंत्रित किया गया है। हालांकि कांग्रेस द्वारा यह भी कहा जा रहा है कि नेहरू जैसे नेता राजनीतिक सीमाओं से परे हैं। गौरतलब है कि हाल में गठित नया जनता परिवार पूरी शक्ति के साथ मौजदूगी दर्ज कराएगा। चूंकि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य के दौरे पर हैं, इसलिए उनकी ओर से इस कार्यक्रम में शामिल होने की संभावना कम ही है। ऐसा भी अंदेशा व्यक्त किया जा रहा था कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के पहले तक कांग्रेस की निकटतम रही राकांपा अब भाजपा को लुभाने की कोशिश कर रही है। इस कारण पार्टी प्रमुख शरद पवार खुद इस कार्यक्रम से दूरी बनाए हुए हैं और अपने प्रतिनिधि को कार्यक्रम में भेज रहे हैं।
