आप जिस कार को इस पन्ने पर देख रहे हैं वह बेहद खास है। यह कार जनरल मोटर्स के भविष्य के लिए तो खास है ही यह ऑटोमोटिव इंडस्ट्री के लिए भी बेहद खास है।
इसके अलावा यह हर किसी के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण हो सकती है। दरअसल इस कार की जो तकनीक है वह बेहद जबरदस्त है और हम सबको इसका इस्तेमाल करना चाहिए। यह कोई इलेक्ट्रिक खिलौने की तरह नहीं है जिसकी बैटरी ऑफिस पहुंचने से पहले ही खत्म हो जाए।
इस कार को ईंधन हाइड्रोजन के जरिए भी नहीं मिलता है। यह कार फ्यूल सेल टेक्नोलॉजी के जरिए भी नहीं चलती है क्योंकि इसका बड़े पैमाने पर उत्पादन करना भी बहुत महंगा है। आप यह जानकर हैरान भी होंगे कि यह कार 'हाइब्रिड' नहीं है लेकिन इसमें पेट्रोल इंजन भी है और इलेक्ट्रिक मोटर भी है।
हालांकि इसका पेट्रोल इंजन पहिए से जुड़ा हुआ नहीं है। अब अहम सवाल यह है कि आखिरकार यह है क्या? इसका अच्छा जवाब तो आपको आने वाले दिनों में मिल ही जाएगा। कहा जाता है कि आवश्यकता ही आविष्कार को जन्म देती है तो वोल्ट भी कुछ इसी राह पर है।
पिछले दशक से ही जनरल मोटर्स अपनी एक कवायद शुरू कर दी है। जी हां, जनरल मोटर्स काफी समय से फ्यूल सेल वाली कार को बनाने में जुटी हुई है। इस कार के निर्माण के लिए लैरी बर्ड ऐंड कंपनी भी अपना मार्गदर्शन देने में जुटी हुई है। निश्चित तौर पर स्टेम सेल की तरह ही फ्यूल सेल का भी भविष्य है।
जनरल मोटर्स के हेडक्वार्टर में जहां इस कार पर काम चल रहा था, वहां यह महसूस किया गया कि जीएम को अपने फ्यूल सेल प्रोजेक्ट के लिए जमकर काम करना चाहिए क्योंकि इसका फायदा भविष्य में जरूर मिल सकता है। यह बात ठीक भी है और कई लोग इस बात के पक्ष में जाने के लिए भी तैयार होंगे।
अब तक हमने कार के बारे में विस्तार से बताने की कोशिश की। अब हम बात करते हैं वोल्ट कार की। इस कार को हम समझने की कोशिश भी कर सकते हैं। इसकी शुरुआत करते हुए हम आपको बता दें कि जबसे फोर्ड मॉडल टी में आंतरिक दहन इंजन (आईसी इंजन) नहीं था तबसे वोल्ट ही पहली ऐसी कार थी जो बड़े पैमाने पर सबसे ज्यादा बनाई जाती थी।
याद रखें कि प्रियस और इनसाइट हाइब्रिड में आईसी इंजन और इलेक्ट्रॉनिक मोटर्स दोनों का विकल्प भी मौजूद था। ये हाइब्रिड कार बैटरी के सहारे बहुत कम स्पीड से चलती थी। लेकिन जब कार को परंपरागत आईसी इंजन के जरिए चलाया जाता था तो उसकी स्पीड बढ़ जाती थी।
हालांकि इंजन इसमें लगी बैटरी को भी चार्ज कर लेता था ताकि अगर कोई जरूरत हो गाड़ी को बैटरी के जरिए भी चलाया जा सके। वोल्ट के साथ ऐसा नहीं है। दरअसल वोल्ट में कम क्षमता वाला पेट्रोल इंजन है जो हमेशा बैटरी को पूरा चार्ज कर देता है।
इसकी वजह से इलेक्ट्रिक मोटर में बिजली की आपूर्ति होती है और उसकी वजह से ही गाड़ी का आगे का पहिया घूमता है। आपको यह समझना होगा कि इसका आईसी इंजन एक जेनरेटर की तरह काम कर रहा है। यकीनन अब आप ऐसे ही किसी डीजल-इलेक्ट्रिक इंजन वाली गाड़ी के बारे में सोच रहे हैं तो आप इसे तुरंत ही पा सकते हैं।
संक्षिप्त में आपको बता दूं कि यह एक इलेक्ट्रिक कार है जो बेहतरीन होने के साथ ही आपके लिए ज्यादा खर्चीली भी साबित नहीं हो सकती है। इसमें बैटरी के चार्ज करने का विकल्प भी मौजूद है।
अगर बैटरी से चलने वाली गाड़ियों की बात करें तो अब भी उस पर बड़ी तेजी से काम चल ही रहा है। जहां तक हाइब्रिड गाड़ियों की बात है तो उसमें बहुत महंगी निकेल हाइड्राइड बैटरियों का इस्तेमाल होता है।
वोल्ट में लिथियम ऑयन की बैटरियों का इस्तेमाल होता है जो हल्की तो होती ही हैं और जल्दी चार्ज भी हो जाती हैं। अगर आप इसे फ्रिज के सॉकेट के साथ कनेक्ट करते हैं तो वोल्ट अपनी बैटरियों को तीन घंटे में चार्ज कर सकता है। इसके अलावा जब आप गाड़ी को ब्रेक करते है तब भी बैटरी चार्ज हो जाती है। ब्रेक लगाने से बैटरी को चार्ज करने जैसी सुविधा हाइब्रिड में पहले से ही मौजूद रही है।
इस कार में इलेक्ट्रिक मोटर के जरिए जो ऊर्जा मिलती है वह 2000 सीसी के डीजल इंजन के बराबर होती है जिसकी क्षमता लगभग 140-150 बीएचपी के बराबर होती है। हालांकि इसके जरिए सबसे ज्यादा तेज रफ्तार भी 160 किलोमीटर प्रति घंटा तक ही होगी।
वोल्ट कार दरअसल ऐसी कार है जिसे आप चार्ज करके ही चला सकते हैं। अगर आप वोल्ट की बैटरी को अगर आप पूरा चार्ज करते हैं तो वोल्ट 64 किलोमीटर तक ही चल सकती है। इसका मतलब यह है कि आप अपने शहर के अंदर ही छोटी दूरियों को तय करने के लिए वोल्ट का इस्तेमाल करें तो बेहतर है।
लेकिन अगर आपने इस कार के जेनरेटर इंजन का इस्तेमाल किया तो आप 400 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तय कर सकते हैं। जनरल मोटर्स की कार शेव्रले वोल्ट कोई ऐसी कार नहीं है जिसे देखकर आपको कुछ अनोखा लगे।
चार दरवाजे वाले इस कार की डिजाइन को देखकर आप ऐसा सोच सकते हैं कि यह एक ऐसी कार है जिसे किसी भी पारंपरिक संयंत्र में बनाया जा सकता है। इसकी एक खूबी यह भी है कि इसमें टी-शेप वाला बैटरी पैक बहुत अच्छे तरीके से रखा जा सकता है।
इस कार का इंजन और मोटर दोनों कार के सामने वाले हिस्से में मौजूद होते हैं। इसी वजह से यह कार फ्रंट व्हील ड्राइव वाली कार है। कार की जो बैटरी है, वह बीच वाले हिस्से में है। इसकी वजह से कार का केबिन दो हिस्से में बंट जाता है, जैसा कि आमतौर पर रियर व्हील ड्राइव कार में होता है।
इस कार का टेक्सचर बहुत ही शानदार है और इस कार के अंदर मौजूद उपकरणों की क्वालिटी भी अच्छी है। इसका स्विच गियर छूने पर ही काफी सेंसिटिव लगता है। ये सारी खूबियां मिलकर इस कार के इंटीरियर में बहुत जान डाल देती हैं।
इस कार के एलसीडी डिस्प्ले से ही इस कार की रेंज, इसकी बैटरी और इसके बारे में बहुत विस्तार से जानकारी मिल जाती है। पहले की कार जिसका साइज वोल्ट के जितना ही था, उसमें जितनी सुविधाएं मिलती थीं उतना ही आराम इसमें भी है।
लगभग 35,000 डॉलर वाली इस कार के लिए जनरल मोटर्स की बहुत उम्मीदें हैं। जीएम को लगता है कि वोल्ट को बेहद मशहूर लोग काफी पसंद करेंगे। हालांकि जीएम की अगली डेल्टा प्लेटफॉर्म वाली कार जब बनकर लॉन्च होने के लिए तैयार होगी, तब ही इसके जरिए संभावनाओं की तलाश की जाएगी।
अब सवाल यह है कि भारत में वोल्ट जैसी ही कोई कार आएगी या नई डेल्टा आधारित प्लेटफार्म पर बनी कार आएगी? भारत के जनरल मोटर्स के प्रमुख कार्ल स्लिम ने इस कार के लॉन्च होने की कोई तारीख नहीं बताई है। उनके मुताबिक वोल्ट कार इलेक्ट्रिक वाहनों में एक नए क्लास ई-रेव की कार है। उनका यह मानना है कि इस कार में अलग-अलग तरह के उपकरणों के इस्तेमाल के लिए भी बहुत क्षमता है। इसकी वजह से आश्चर्यजनक तरीके से परंपरागत ईंधन पर निर्भरता कम होगी।
जनरल मोटर्स बेशक बड़े पैमाने पर कार के निर्माण के बारे में थोड़ा ही जानती है। वह सोचती है कि अगर वह बड़ी संख्या में कार बनाती है तो बैटरी पैक की कीमत कम हो जाएगी। अगर ऐसा सचमुच है तो वह दिन भी बहुत दूर नहीं होगा जब हमारे पास भी इसी तरह की पावरटे्रन वाली कार होगी। खासतौर पर विकसित देशों के बाजार में तो इसकी ज्यादा रेंज मौजूद होगी। सच कहें तो इस कार को बनाने के लिए पुणे में जनरल मोटर्स के नए संयत्र से बेहतर कौन सी जगह हो सकती है।