सरकारी फाइनैंस कंपनी आईएफसीआई ने नैशनल स्टॉक एक्सचेंज में 2.5 फीसदी हिस्सेदारी के विनिवेश की योजना टाल दी है। कहा जा रहा है कि निवेशकों की तरफ से उम्मीद से कम बोली के चलते कंपनी ने यह योजना टाली है। यह जानकारी इस प्रगति पर नजर रखने वाले दो सूत्रों ने दी। आईएफसीआई ने जून में कहा था कि कंपनी ने एनएसई में आंशिक विनिवेश के लिए एक कंसल्टेंट को शामिल करने का प्रस्ताव किया है ताकि वह इसकी प्रक्रिया के बारे में सलाह दे और इसका प्रबंधन करे। समझा जाता है कि पीडब्ल्यूसी इस लेनदेन का काम देख रही है। इस बाबत जानकारी के लिए पीडब्ल्यूसी के प्रवक्ता को को भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं मिला। विनिवेश पर पीडब्ल्यूसी के नोट की बिजनेस स्टैंडर्ड की तरफ से की गई समीक्षा के मुताबिक, रणनीतिक निवेश से मिलने वाली संभावित रकम के मद्देनजर आईएफसीआई अपनी एनएसई की इक्विटी हिस्सेदारी का विनिवेश करना चाहती है और यह 1,12,500 इक्विटी शेयर यानी कुल 5.55 फीसदी में से 2.5 फीसदी हिस्सा होगा। एक सूत्र ने कहा कि कीमतों की सांकेतिक बोली उम्मीद से कम देखी गई। यह कीमत का पिछली हिस्सेदारी बिक्री से जुड़ाव है। बताया जाता है कि आईडीएफसी ने एनएसई में अपनी हिस्सेदारी का एक भाग 2013 में बेचा था। कहा जा रहा है कि यह बिक्री 4200 रुपये प्रति शेयर के भाव पर हुई। ऐसे समय में प्रस्तावित हिस्सेदारी बिक्री से आईएफसीआई को करीब 450-500 करोड़ रुपये मिलते। एक सूत्र ने कहा, इस योजना की समीक्षा एक महीने में की जाएगी। पहले कहा गया था कि एनएसई में हिस्सेदारी की बिक्री 30 सितंबर 2014 को पूरी हो जाएगी। आईएफसीआई अपने गैर-रणनीतिक निवेश को निकालने के लिए काम कर रही है। 22 सितंबर को कंपनी ने टूरिज्म फाइनैंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की आंशिक हिस्सेदारी मौजूदा वित्त वर्ष में बेचने की घोषणा की थी। इसने पहले भी सहायक कंपनी आईएफसीआई फाइनैंशियल सर्विसेज लिमिटेड की पूरी हिस्सेदारी बेचने की घोषणा की थी। यह आईएफसीआई फाइनैंशियल सर्विसेज और स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के बीच परिचालन को एकीकृत करने की कोशिश कर रही है। मार्च 2014 में आईडीबीआई बैंक से हिस्सेदारी का अधिग्रहण पूरा करने के बाद एसएचसीआईएल में इसकी हिस्सेदारी 52.86 फीसदी है। एनएसई में सबसे बड़ी हिस्सेदार भारतीय जीवन बीमा निगम है, जिसकी हिस्सेदारी 10.51 फीसदी है। इसके बाद भारतीय स्टेट बैंक का स्थान है, जिसकी हिस्सेदारी 10.19 फीसदी है। यह जानकारी एनएसई की सालाना रिपोर्ट से मिली है। देश के सबसे बड़े एक्सचेंज में आईएफसीआई की हिस्सेदारी 5.55 फीसदी है जबकि आईडीएफसी की 5.33 फीसदी। अन्य शेयरधारकों में स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, जीए ग्लोबल इन्वेस्टमेंट लिमिटेड, जीएस स्ट्रैटिजिक इन्वेस्टमेंट लिमिटेड, एसएआईएफ-2 एसई इन्वेस्टमेंट मॉरिशस लिमिटेड और ए इन्वेस्टमेंट (मॉरिशस) पीटीई लिमिटेड शामिल हैं। इन सभी की हिस्सेदारी 5-5 फीसदी है। मार्च 2013 में समाप्त वित्त वर्ष में एनएसई की आय 887.95 करोड़ रुपये थी, जो मार्च 2014 में बढ़कर 998.95 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। इसका शुद्ध मुनाफा 937.97 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल 841.79 करोड़ रुपये था। एक्सचेंज और आईएफसीआई को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं मिला।
