कर्ज बोझ घटाएगी आर कॉम | बीएस संवाददाता / मुंबई September 30, 2014 | | | | |
अनिल धीरूभाई अंबानी समूह (एडीएजी) के चेयरमैन अनिल अंबानी आज कहा कि रिलायंस कम्युनिकेशंस अगले दो साल में अपने 35,000 करोड़ रुपये के कर्ज बोझ को घटाकर 20,000 करोड़ रुपये से नीचे लाने की योजना बना रही है। अंबानी ने अपने समूह की कंपनियों की सालाना आम बैठकों को संबोधित करते हुए कहा कि रिलायंस कम्युनिकेशंस 4जी स्पेक्ट्रम नीलामी में भाग लेगी। देश में चौथी पीढ़ी (4जी) की दूरसंचार सेवाएं शुरू करने के लिए अगले साल स्पेक्ट्रम की नीलामी होने वाली है। इससे रिलायंस कम्युनिकेशंस सीधे तौर पर मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो और सुनील भारती मित्तल की भारती एयरटेल से प्रतिस्पर्धा होगी। आरकॉम अपनी दूरसंचार टावर कंपनी और समुद्री केबल कंपनी में हिस्सेदारी बेचने संबंधी योजनाओं का खुलासा कर चुकी है ताकि कर्ज बोझ को घटाया जा सके। लेकिन फिलहाल कोई सौदा नहीं हो सका है।
अपनी पत्नी टीना और बेटे जय अनमोल के साथ सालाना आम बैठक में भाग लेने आए अंबानी ने शेयरधारकों को समूह की वित्तीय सेवा कंपनी रिलायंस कैपिटल के बारे में बताते हुए कहा कि अगले तीन से चार साल में कंपनी का बाजार पूंजीकरण दोगुना हो जाएगा। उन्होंने कहा कि रिलायंस कैपिटल आवास कर्ज क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करेगी और आवास कर्ज में तिगुना पूंजी लगाएगी ताकि इससे वृद्धि को बल मिल सके। रिलायंस कैपिटल ने बैंक लाइसेंस हासिल करने के लिए आवेदन किया था लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक ने बिड़ला और रेलिगेयर सहित कई उद्योग घरानों के आवेदन को खारिज कर दिया।
अंबानी ने कहा, 'बैंकिंग उद्योग में कई समस्याओं के संदर्भ में दिशानिर्देश का इंतजार किया जा रहा है। हम सभी विकल्पों का आकलन करेंगे। हमारा मानना है कि यूनिवर्सल बैंकिंग लाइसेंस और भुगतान बैंकिंग क्षेत्र में काफी संभावनाएं दिखेंगी।' उन्होंने कहा कि रिलायंस जनरल इन्श्योरेंस के तहत स्वास्थ्य बीमा कारोबार के लिए एक अलग कंपनी स्थापित करने की योजना बनाई जा रही है।
अंबानी ने कहा कि वह भारतीय रिजर्व बैंक के अंतिम दिशानिर्देश का इंतजार कर रहे हैं ताकि विशेष बैंकिंग क्षेत्र में संभावनाओं का आकलन किया जा सके। उन्होंने कहा कि रिलायंस कैपिटल भुगतान बैंकिंग, इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनैंस बैंकिंग और एसएमई बैंकिंग में संभावनाओं का आकलन करना चाहती है। इसके लिए रिजर्व बैंक जल्द ही दिशानिर्देश जारी करने वाला है। उन्होंने कहा कि रिलायंस कैपिटल विदेश में और भारत केंद्रिक फंड जारी करना चाहती है ताकि अंतरराष्टï्रीय पूंजी को भारत के नियत आय और शेयर बाजार की ओर आकर्षित किया जा सके।
अंबानी ने कहा कि बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाए जाने से जीवन बीमा क्षेत्र में साझेदारी को मजबूत बनाने के लिए अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा, 'इस प्रकार की पहल से स्वास्थ्य बीमा और सामान्य बीमा कारोबार में वैश्विक कंपनियों के साथ संभावित साझेदारी के लिए अवसर पैदा होंगे।' उन्होंने रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के शेयरधारकों से कहा कि कंपनी अपनी सीमेंट क्षमता 5 एमटीपीए से बढ़ाकर 15 एमटीपीए करने और स्मार्ट सिटी व सड़क परियोजनाओं में भाग लेने की येाजना बना रही है।
अनिल अंबानी ने कहा कि रिलायंस पावर अपने पूंजीगत खर्च में 50,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी और कम से कम एक 500 मेगावॉट की अल्ट्रा मेगा सौर बिजली परियोजना हासिल करेगी। नई परियोजनाओं में 4,000 मेगावॉट की तिलैया यूएमपीपी, अरुणाचल में 700 मेगावॉट की पनबिजली परियोजना शामिल है।
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