सरकारी स्वामित्व वाली फाइनैंस कंपनी आईएफसीआई लिमिटेड ने लंबी अवधि के बॉन्ड के जरिए 2,000 करोड़ रुपये तक जुटाने की योजना बनाई है। इसकी परिपक्वता अवधि 10 साल से ज्यादा की होगी और इसका इस्तेमाल मध्यम व लंबी अवधि की परियोजनाओं के वित्त पोषण में होगा। आईएफसीआई बढ़त के साथ आधार दरों में करीब 0.25 फीसदी स्प्रेड के जोड़ के साथ बैंकों से रकम जुटाती रही है, वहीं कम लागत वाली पूंजी बाजार वाली उधारी की हिस्सेदारी बढ़त वाली फंडिंग में काफी कम रही है। कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी और प्रबंध निदेशक मलय मुखर्जी ने कहा, एनबीएफसी अपने संसाधन के साथ तैयार रहना चाहती है, जब दूसरी छमाही में मांग जोर पकड़ेगी। हालांकि नई परियोजनाओं का काफी कम प्रस्ताव है, लेकिन आवंटित उधारी करीब 3,600 करोड़ रुपये की है। आईएफसीआई के एक अधिकारी ने कहा, प्रस्तावित बॉन्ड पेशकश पर काम चल रहा है और जल्द ही हम बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास दस्तावेज जमा करेंगे। कंपनी तीसरी तिमाही में बाजार में दस्तक दे सकती है। बाजार से रकम उगाहने के बारे में मुखर्जी ने कहा, आईएफसीआई बैंकों के मुकाबले पूंजी बाजार से सस्ती दर पर रकम जुटा सकती है, जो आधार दरों से ऊपर उधार देता है।
