दिल्ली के औद्योगिक क्षेत्रों के बहुरेंगे दिन | रामवीर सिंह गुर्जर / नई दिल्ली September 18, 2014 | | | | |
लंबे समय से बदहाल दिल्ली के औद्योगिक क्षेत्रों की अब सूरत संवारने की तैयारी चल रही है। दरअसल दिल्ली राज्य औद्योगिक एवं ढांचागत विकास निगम (डीएसआईआईडीसी) ने इन क्षेत्रों में जरूरी बुनियादी ढांचा, मसलन-सड़कों की मरम्मत, उन्नयन व नालों के सुधार की योजना बनाई है। इस योजना पर विभाग द्वारा जल्द ही काम शुरू करने की तैयारी चल रही है। इस कार्य के लिए डीएसआईआईडीसी को दिल्ली सरकार से धन का आवंटन हो चुका है।
डीएसआईआईडीसी के अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि औद्योगिक क्षेत्रों में विकास कार्य करने की योजना बन चुकी है। इसके तहत 5 से 6 औद्योगिक क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाएं विकसित करने के लिए निविदा जारी करने प्रक्रिया शुरू हो गई है। अधिकारी ने कहा कि डीएसआईआईडीसी को औद्योगिक क्षेत्रों में सड़क, नालों की मरम्मत व अन्य बुनियादी सुविधाएं विकसित करने के लिए करीब 100 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। काम कब तक शुरू होगा के सवाल पर अधिकारी ने कहा कि कुछ औद्योगिक क्षेत्रों के लिए निविदा आमंत्रित की जा चुकी है। निविदा प्रक्रिया पूरी होने के साथ दो महीने के अंदर काम शुरू होने की उम्मीद है। अधिकारी ने कहा कि डीएसआईआईडीसी द्वारा औद्योगिक क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए अतिरिक्त राशि जुटाने की भी कोशिश की जा रही है ताकि सभी औद्योगिक क्षेत्रों में विकास कार्य शुरू किए जा सकें।
झिलमिल औद्योगिक क्षेत्र संघ के अध्यक्ष अशोक जैन कहते हैं कि उन्हें भी पता चला है कि डीएसआईआईडीसी ने औद्योगिक क्षेत्रों में विकास कार्य कराने के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू कर दी है। जैन ने कहा कि झिलमिल में दो-तीन साल से कुछ भी काम नहीं हुआ है। इसके चलते इलाके की सड़के खस्ताहाल हो गई हैं। ऐसे में अगर काम होता है, तो यहां के उद्यमियों को बड़ी राहत मिलगी। एपेक्स चेंबर ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री एनसीटी दिल्ली के अध्यक्ष कपिल चोपड़ा कहते हैं कि सभी औद्योगिक क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर विकास कार्य कराने की आवश्यकता है क्योंकि औद्योगिक क्षेत्रों में लंबे समय काम नहीं हुआ है। इसलिए औद्योगिक क्षेत्रों को संवारने के लिए कम से कम 700 से 800 करोड़ रुपये चाहिए। फिर भी काम शुरू होने पर कुछ तो राहत मिलेगी। अधिकारी ने कहा कि निगम बवाना, नरेला की तर्ज पर सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल से सभी औद्योगिक क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाएं विकसित करने की योजना पर भी विचार कर रहा है। निगम का लक्ष्य दिल्ली के सभी अधिसूचित औद्योगिक क्षेत्रों में दो साल के भीतर विकाय कार्य कराना है।
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