अदालत ने व्हिसल ब्लोअर का नाम पूछा | भाषा / नई दिल्ली September 15, 2014 | | | | |
उच्चतम न्यायालय ने वकील प्रशांत भूषण को सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा के निवास पर रखे आगंतुक रजिस्टर का ब्योरा देने वाले व्हिसल ब्लोअर का नाम उजागर करने का आज निर्देश दिया। भूषण ने न्यायालय में आरोप लगाया था कि जांच ब्यूरो के निदेशक 2जी मामले के आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। शीर्ष अदालत ने कहा कि व्हिसिल ब्लोअर का नाम जानने के बाद ही जांच ब्यूरो के निदेशक के खिलाफ लगाए गए आरोपों के गुण दोष पर विचार किया जाएगा।
न्यायमूर्ति एच एल दत्तू और न्यायमूर्ति एस ए बोबडे के खंडपीठ ने कहा कि इस मामले में भूषण द्वारा दायर हलफनामा उच्चतम न्यायालय के नियमों के अनुरूप नहीं है। न्यायालय ने भूषण को उस स्रोत का नाम बताने का निर्देश दिया जिससे उन्हें ये सारे दस्तावेज मिले। न्यायाधीशों ने भूषण से कहा, 'व्हिसल ब्लोअर का नाम सीलबंद लिफाफे में दिया जाए। एक बार जब हम महसूस करेंगे कि इसमें कुछ छल कपट है तभी हम विचार करेंगे कि इसमें किस तरह की जांच की आवश्यकता है।' भूषण ने व्हिसल ब्लोअर का नाम उजागर करने के सुझाव का पुरजोर विरोध किया और कहा कि पेश किए गए सभी दस्तावेज सही है और शीर्ष अदालत खुद इनकी सत्यता की जांच कर सकता है या फिर इसकी सत्यता के लिए कोई समिति या विशेष जांच दल गठित कर सकता है।
संशोधित आरोपपत्र दायर करेगी सीबीआई
सीबीआई नवभारत पावर प्राइवेट लिमिटेड तथा अन्य से संबंधित कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले में 30 सितंबर को संशोधित आरोप-पत्र दायर करेगी। जांच एजेंसी ने एक विशेष अदालत को यह जानकारी दी। विशेष सीबीआई जज भरत पराशर को विशेष सरकारी वकील आर एस चीमा ने सूचित किया कि इस मामले में संशोधित अंतिम रिपोर्ट वृहद होगी और उसमें अदालत द्वारा पूर्व में बताई गई खामियों को दूर किया जाएगा। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि चीमा ने सीबीआई निदेशक को बताया है कि जांच अधिकारियों को अंतिम रिपोर्ट में किसी विशेष मामले में आरोपपत्र दायर करने या मामला बंद करने के निष्कर्ष पर पहुंचने के कारण बताने होंगे।
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