यूनिवर्सल कमोडिटी एक्सचेंज (यूसीएक्स) ने एक्सचेंज का फॉरेंसिक ऑडिट करने के लिए केपीएमजी को नियुक्त किया है। केपीएमजी के नाम को जिंस बाजार नियामक वायदा बाजार आयोग ने भी मंजूरी दे दी है। पिछले साल जून में एफएमसी ने यूसीएक्स की जांच और ऑडिट किया था, जिसमें धन की हेराफेरी पकड़ी गई थी। इस वजह से एफएमसी ने एक्सचेंज के फॉरेसिंक ऑडिट का आदेश दिया था। इसी क्रम में फॉरेंसिक ऑडिटर की नियुक्ति की गई है। ऑडिटर को यह पता लगाना होगा कि क्या धन की हेराफेरी की गई है? यह धन या तो शेयरधारकों का होगा, जिन्होंने 100 करोड़ रुपये लगाए हैं। वरना यह धन जोखिम प्रबंधन का होगा, जो एक्सचेंज ने ट्रेडिंग के लिए मार्जिन, सैटलमेंट फंड और गारंटी फंड के रूप में जुटाया था। एक्सचेंज के मूल प्रवर्तक और सीईओ केतन शेठ से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया। इससे पहले फरवरी और मार्च में एफएमसी ने पाया था कि एक्सचेंज के कारोबार में भारी बढ़ोतरी हुई है। ऐसी खबरें मिली थीं कि एक्सचेंज पर लाभ और हानि को बराबर करने के लिए लेन-देन हो रहे हैं। एफएमसी ने एक्सचेंज से कहा था कि वह यह काम कर रहे दोषी ब्रोकरों के खिलाफ कार्रवाई करे। यूसीएक्स के निवेशकों में इफको और आरईसी शामिल हैं। ये सरकारी क्षेत्र की कंपनियां हैं और अगर इन्हें नुकसान हुआ तो वे सीबीआई में भी शिकायत कर सकती हैं। हालांकि फॉरेंसिक रिपोर्ट का एक्सचेंज के शेयरधारकों और नियामक को बेसब्री से इंतजार है। सूत्रों ने बताया कि अगर फॉरेंसिक ऑडिट में धन की हेराफेरी के आरोप सही साबित होते हैं तो नियामक जिम्मेदार लोगों को एक्सचेंज चलाने के लिए 'अयोग्य' करार देने की संभावना पर विचार करेगा। जिंस एक्सचेंजों के क्षेत्र में पहला फॉरेंसिक ऑडिट एनसीडीईएक्स में किया गया था और एफएमसी ने एक्सचेंज के कई वरिष्ठ अधिकारियों को नोटिस जारी किए थे। बाद में ग्रांट थोर्टन को एनएसईएल का फॉरेसिंक ऑडिटर नियुक्त किया गया। एनएसईएल ने 5,774 करोड़ रुपये के भुगतान में डिफॉल्ट किया था। एनएसईएल के ई-सीरीज अनुबंधों के फॉरेंसिक ऑडिट के लिए चोकसी ऐंड चोकसी को कहा गया था। इसके बाद एमसीएक्स के लिए विशेष ऑडिटर नियुक्त किया गया था और अब यूसीएक्स के फॉरेंसिक ऑडिट के लिए केपीएमजी को नियुक्त किया गया है।
