जिग्नेश शाह प्रवर्तित फाइनैंशियल टेक्नोलॉजिज पूरी तरह से मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज से बाहर निकल गई है। आज कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंजों पर 5 फीसदी हिस्सेदारी बेची। साल 2003 में इसने एमसीएक्स को प्रवर्तित किया था और एफएमसी की तरफ से एक्सचेंज के परिचालन के अयोग्य घोषित किए जाने के बाद इसे बाहर निकलना पड़ा। ये शेयर एसबीआई लाइफ, आईडीएफसी, रिलायंस एमएफ आदि ने खरीदे हैं। आज की बिक्री के बाद एफटीआईएल ने अपनी 26 फीसदी हिस्सेदारी बेच दी है और इससे 892.18 करोड़ रुपये जुटाए हैं। एफटीआईएल की निकासी से एमसीएक्स को अपनी योजनाओं व अनुबंधों की मंजूरी मिलने का रास्ता खुल गया है क्योंकि एफएमसी अनुबंधों की मंजूरी नहीं दे रहा था। एमसीएक्स का कारोबार भी नहीं बढ़ रहा था और पिछले कुछ दिनों में इसमें खासी गिरावट शुरू हो गई थी क्योंकि हेजिंग ऑप्शन की सीमा से बाहर (और जिसे आगे नहीं ले जाया जा सकता हो) शायद एक या दो अनुबंध बचे हुए थे। दिसंबर से आगे एमसीएक्स पर कोई अनुबंध नहीं देखने को मिला था। एफटीआईएल की तरफ से 5 फीसदी हिस्सा बेचने की कवायद में 2.69 फीसदी बीएसई पर हुआ जबकि एनएसई पर 2.31 फीसदी। एसबीआई लाइफ ने एफटीआईएल की एमसीएक्स में मौजूद 0.6 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी और यह बीएसई पर ब्लॉक डील के जरिए हुआ। इस ब्लॉक डील के बाद एफटीआईएल की एमसीएक्स में कोई हिस्सेदारी नहीं बची। एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस ने 830 रुपये प्रति शेयर के भाव पर एमसीएक्स के 3.43 लाख शेयर खरीदे। हालांकि एफटीआईएल ने आज 827.59 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से 13.7 लाख शेयर बेचे। एनएसई पर 834.76 रुपये के हिसाब से शेयरों की बिक्री हुई। पहले इसने खुले बाजार में 6 फीसदी हिस्सेदारी बेची थी और कोटक महिंद्रा को 15 फीसदी हिस्सा बेचने के लिए समझौता किया था। एफटीआईएल की तरफ से एमसीएक्स की बाकी बची पांच फीसदी हिस्सेदारी बेचने की खबर से आज एमसीएक्स का शेयर बीएसई पर 5.08 फीसदी की बढ़त के साथ 858.85 रुपये पर बंद हुआ। आज के बंद भाव के हिसाब से एमसीएक्स का बाजार पूंजीकरण 4369.8 करोड़ रुपये है। जिंस बाजार नियामक वायदा बाजार आयोग ने आज कोटक महिंद्रा बैंक की तरफ से एमसीएक्स की 15 फीसदी हिस्सेदारी खरीद को मंजूरी दे दी। बैंंक ने 20 जुलाई को एफटीआईएल के साथ 600 रुपये प्रति शेयर के भाव पर एमसीएक्स की 15 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने का समझौता किया था। एफटीआईएल ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा है, बिक्री के बाद अब हमारे पास एमसीएक्स की कोई हिस्सेदारी नहीं है। हिस्सेदारी बिक्री बिना किसी पूर्वाग्रह के की गई है। एमसीएकक्स को अब डिपॉजिटरी एनएसडीएल को लिखना होगा ताकि वह बाकी 15 फीसदी हिस्सेदारी को अनलॉक करे, ताकि इसे कोटक बैंक को बेची जा सके। पिछले महीने राकेश झुनझुनवाला ने एफटीआईएल की एमसीएक्स में मौजूद पांच फीसदी हिस्सेदारी ली थी। इसके बाद कोटक महिंद्रा बैंक ने जिंस एक्सचेंज में 15 फीसदी हिस्सा लेने का फैसला किया था। एनएसईएल घोटाला सामने आने के बाद एफएमसी ने एफटीआईएल को एमसीएक्स में हिस्सेदारी रखने के अयोग्य घोषित किया था और इसी वजह से एफटीआईएल जिंस एक्सचेंज से बाहर निकलने को बाध्य हुई थी। पहले एमसीएक्स में एफटीआईएल की 26 फीसदी हिस्सेदारी थी।
