सरकार दिखाएगी 'अच्छे दिन' | अर्चिस मोहन और वृष्टि बेनीवाल / नई दिल्ली August 24, 2014 | | | | |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने भाषणों में कहते रहे हैं वह सरकार के लिए 100 दिन का लक्ष्य या एजेंडा तय करने में यकीन नहीं रखते हैं क्योंकि उनकी सरकार पूरे 5 साल के लिए काम करने के इरादे से आई है। लेकिन उनकी सरकार इस बात से वाकिफ है कि मीडिया और बहुत से विशेषज्ञ 100 दिन को पैमाना मानकर उनके कामकाज का आकलन कर सकते हैं। यही वजह है कि 26 मई को आधिकारिक तौर पर सत्ता संभालने के बाद से अब तक के काम और उपलब्धियों को बताने के लिए वह संवाददाता सम्मेलनों की तैयारी कर रही है।
हालांकि तैयारी गुपचुप तरीके से की जा रही है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक प्रवक्ता ने दावा किया कि न तो पार्टी और न ही सरकार 100 दिन की उपलब्धियां जोरशोर से गिनाएगी। महत्त्वपूर्ण मंत्रालयों के सूचना अधिकारियों से जब बिजनेस स्टैंडर्ड ने संपर्क किया तो उन्होंने भी मोदी सरकार के '100 दिन के अभियान' के बारे में कोई जानकारी होने से इनकार किया लेकिन नाम न छापने की शर्त पर इसकी पुष्टि भी की।
सरकार की रणनीति यह है कि इसे 100 दिन की उपलब्धियां गिनाने की कवायद नहीं लगने दिया जाए, लेकिन सभी अहम मंत्रालय सुविधा के मुताबिक संवाददाता सम्मेलन करें। इनमें मंत्रालय की ओर से पिछले मीन माह में उठाए गए कदमों और कार्यों पर जोर दिया जाएगा। माना जा रहा है कि इससे भाजपा को महाराष्टï्र, झारखंड, हरियाणा और जम्मू कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनावों में भी मदद मिलेगी।
खास बात है कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की पिछली सरकार के 100 दिनों की तुलना इस सरकार के 100 दिनों से की जाएगी और यह दिखानो की कोशिश की जाएगी कि मोदी सरकार ने ज्यादा तेजी और प्रभावी तरीके से फैसले लिए हैं। भाजपा के एक सूत्र ने बताया कि सरकार पार्टी के घोषणापत्र के मुताबिक कई वायदे पूरे करने में सफल रही है। हालांकि इसे 'मोदी सरकार के 100 दिन' का नाम नहीं दिया जाएगा लेकिन मोदी के चुनावी नारे 'अच्छे दिन' के बारे में लोगों की उत्कंठा खत्म करने की कोशिश की जाएगी।
भाजपा के पूर्व विचारक के एन गोविंदाचार्य ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, 'लोग तुरंत नतीजा चाहते हैं और बेसब्री से आपका मूल्यांकन करते हैं। अगर आप फौरन काम नहीं करते तो उनका मोहभंग हो जाता है।' हालांकि उन्होंने कहा कि सरकार का आकलन करने के लिए 3 माह का समय काफी कम है। भाजपा ने 16 मई को प्रचंड बहुमत से जीत हासिल की थी और 23 अगस्त को इस जीत के 100 दिन पूरे होने वाले हैं। भाजपा संसदीय दल के नेता के तौर पर मोदी के 100 दिन 27 अगस्त को पूरे होंगे। मोदी और उनके मंत्रिमंडल ने आधिकारिक तौर पर 26 मई को कार्यभार संभाला था, जिसके 100 दिन सितंबर के पहले हफ्ते में पूरे होंगे।
सूत्रों के मुताबिक सभी मंत्रालय अपनी उपलब्धियों की सूची तैयार करने में जुटे हैं। वित्त और गृहमंत्रालय वाला नॉर्थ ब्लॉक अन्य मंत्रालयों की तुलना में कुछ ज्यादा ही व्यस्त है। इधर अफसरशाहों का कहना है कि उन्हें 100 दिन का एजेंडा बताया ही नहीं गया था। लेकिन 29 मई को मंत्रिमंडल की पहली बैठक के बाद भाजपा प्रवक्ताओं ने कहा था कि सभी मंत्रियों को पहले 100 दिन का एजेंडा तय करने के लिए कहा गया है। प्रधानमंत्री की व्यक्तिगत बेवसाइट नरेंद्रमोदीडॉटइन पर भी 100 दिन के एजेंडे के बारे में विचार होने की बात लिखी है। उस पर 7 जुलाई को प्रकाशित ब्लॉग में कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने सभी मंत्रियों से अपने-अपने मंत्रालयों के लिए 100 दिन का खाका तैयार करने को कहा है।
कुछ लोग इस बात को लेकर मोदी सरकार की आलोचना कर रहे हैं कि सरकार कोई बड़ा सुधारवादी कदम नहीं उठा पाई है। ऐसे में सरकार इन सम्मेलनों के जरिये व्यापक तस्वीर पेश कर उनके मुंह बंद कराने की कोशिश करेगी। हालांकि पिछले हफ्ते समसामयिक विषयों की एक प्रमुख पत्रिका ने मोदी सरकार के प्रदर्शन पर जनमत सर्वेक्षण कराया था। उसमें ज्यादातर लोगों ने सरकार की प्रशंसा ही की थी। हालांकि रॉयटर्स पर एक रिपोर्ट में अर्थशास्त्री विवेक देवराय ने कहा कि मोदी सरकार ने मौका गंवाया है और वायदे के मुताबिक बदलाव नजर नहीं आ रहे हैं।
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